नई दिल्ली : मशहूर शायर मुनव्वर राना ने भी अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिया है. एक टीवी चैनल के लाइव शो के दौरान उन्होंने पुरस्कार के रूप में मिली शील्ड और 1 लाख रुपये का चेक लौटाने का ऐलान किया था. बता दें कि देश में हाल ही में कई साहित्यकारों ने अवॉर्ड लौटाए हैं.
मुनव्वर राना ने कहा कि 'मैं ये अवॉर्ड लौटा रहा हूं और ये रहा एक लाख रुपये का चेक. इस पर मैंने कोई नाम नहीं लिखा है. आप चाहें तो इसे कलबुर्गी को भिजवा दीजिए, या पनसारे को भिजवा दीजिए या अखलाक को भिजवा दीजिए या किसी ऐसे मरीज को दे दीजिए, जिसके पास इलाज के लिए पैसा न हो और हुकूमत के लोग उस पर ध्यान नहीं दे पा रहे हों.'
राना ने कहा, 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, पर इससे उनका क्या लेना देना. शहरी के तौर पर मैं भी इस माहौल का जिम्मेदार हूं और एक शहरी के तौर पर मोदी भी इसके जिम्मेदार हैं.' बता दें कि उन्हे साल 2014 में 'शाहदाबा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था.
गौरतलब है कि दादरी में अखलाक, उससे पहले CPI नेता गोविंद पनसारे और लेखक कलबुर्गी की हत्या के विरोध के तौर पर अवॉर्ड लौटाने का यह सिलसिला शुरू हुआ था और अब तक कई साहित्यकार अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा चुके हैं.