भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में कोरोना का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि प्रदेश में इंदौर शहर से ज्यादा कोरोना मरीज मिले है. लेकिन भोपाल में भी दिन पर दिन मरीजों का आकंड़ा बढ़ता जा रहा है. वहीं कोरोना संक्रमण को लेकर शहर के लोगों में धारणा बन गई है कि एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा वे इस बीमारी के शिकार नहीं होंगे. हालांकि ऐसा नहीं होता है. इस बारें में विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का संक्रमण दोबारा भी किसी को भी हो सकता है. हाल ही में भोपाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से पता चला है कि एक दर्जन से ज्यादा लोग ठीक होने के एक महीने के अंदर दोबारा पॉजिटिव हो रहे है.
दरअसल दोबारा संक्रमित होने वालों में एक डॉक्टर और एक नर्स भी शामिल है. वहीं 65 वर्षीय एक महिला की कोरोना से जान जा चुकी है. हालांकि नई गाइडलाइन के तहत कोरोना संक्रमित के ठीक होने पर जब अस्पताल से छुट्टी दी जाती है तो उसकी कोरोना जांच नहीं होती है. ऐसे में यह पता नहीं चलता है कि शरीर से कोरोना का वायरस खत्म हुआ या नहीं. कुछ लोग होम आइसोलेशन में भी रखे गए हैं. ऐसे में इन्हें 10 दिन बाद स्वत ही कोरोना मुक्त मान लिया जाता है.
जानकारी के लिए बता दें कि लॉकडाउन लागू होने के बाद जो गाइडलाइन जारी की गई थी, उसमें कोरोना मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले सैंपल लेने का प्रावधान था, जिसे अब गाइडलाइन से हटा दिया गया है.
भोपाल में चौथी मंजिल से नीचे गिरी लिफ्ट, बड़ा हादसा होने से टला
अस्पताल वालों की बड़ी लापरवाही, नहीं मिला स्ट्रेचर तो इस तरह ले जानी पड़ी महिला की लाश
मालवा-निमाड़ में कोरोना का कहर, शाजापुर में मिले चार नए संक्रमित