मोदी सरकार ने बच्चों के खिलाफ यौन अपराध कानून में किया संशोधन, 9 मार्च से लागू हुए नए नियम
मोदी सरकार ने बच्चों के खिलाफ यौन अपराध कानून में किया संशोधन, 9 मार्च से लागू हुए नए नियम
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नई दिल्ली:  केंद्र की मोदी सरकार ने बाल यौन अपराध संरक्षण कानून, 2020 को अधिसूचित कर दिया है जिससे इस अधिनियम में हाल ही में किए संशोधन लागू किए जा सकेंगे जिसके तहत बच्चों के साथ यौन शोषण के लिए सजा के प्रावधानों को और कड़ा कर दिया गया है। नए नियमों में स्कूलों और देखभाल केंद्रों में कर्मचारी का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से कराना होगा, यौन शोषण वाली सामग्री (पोर्नोग्राफी) को रिपोर्ट करने की प्रक्रिया, उचित उम्र पर बाल अधिकार शिक्षा देने के प्रावधान जोड़े गए हैं।

इन नियमों के अनुसार, राज्य सरकारों को बच्चों के खिलाफ हिंसा को कतई भी बर्दाश्त न करने के सिद्धांत पर आधारित बाल संरक्षण नीति तैयार करने के लिए कहा गया है जिसे बच्चों के बारे में काम कर रहे सभी संस्थानों, संगठनों या अन्य एजेंसी को लागू करना होगा। केंद्र और राज्य सरकारों को बच्चों की आयु के मुताबिक, शैक्षिक सामग्री और पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिनमें बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के संबंध में जानकारी दी जाए। इसके साथ ही इसमें टोल फ्री नंबर 1098 के माध्यम से चाइल्डलाइन हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।

नए नियमों के अनुसार, स्कूलों, क्रैच, खेल अकादमियों या बच्चों के लिए किसी अन्य केंद्र सहित बच्चों के नियमित संपर्क में आने वाले किसी भी संस्थान को प्रत्येक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। नए पोक्सो नियम नौ मार्च से लागू हो चुके हैं।

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