आप सभी को बता दें कि सूर्यदेव जब कुंभ राशि से गुरु की राशि मीन में प्रवेश करते हैं तो इस अवस्था को सूर्य की मीन संक्रांति कहते हैं और इस बार मीन संक्रांति 15 मार्च को है.. इसी के साथ मीन संक्रांति को हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है. ऐसे में हिन्दू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का अंतिम माह होता है और इस दिन सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करते हैं और इस कारण इसे मीन संक्रांति कहा जाता है. आप सभी को बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में मीन संक्रांति का खास महत्व है.
इसी के साथ सूर्यदेव का जब-जब गुरु की राशि धनु एवं मीन में परिभ्रमण होता है या धनु व मीन संक्रांति होती है तो वह मलमास कहा जाता है. ऐसे में यह भी मानते है कि मलमास में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं और इस काल में भक्ति, साधना एवं उत्सवों का क्रम जारी रहता है.
ऐसे में मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को वर्जित बताए गए हैं. संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व मानते हैं और इस दिन लोग जरूरतमंदों को वस्तुओं और खानपान की चीजों का दान करते हैं. कहा जाता है इस दिन गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है और इस दिन दान पुण्य करने के साथ सूर्यदेव की आराधना करने से लाभ मिलता है.
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