टीनएज में ये काम करेंगे तो जवानी में हो जाएगा डिप्रेशन
टीनएज में ये काम करेंगे तो जवानी में हो जाएगा डिप्रेशन
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किशोरावस्था के दौरान टेलीविजन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से युवा वयस्कता में विशेष रूप से पुरुषों के बीच तनाव का कारण बन सकता है. यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के ब्रायन ए प्रामाक की अगुवाई वाली एक टीम ने राष्ट्रीय लॉन्गिट्यूडल सर्वे ऑफ ऐडेलसेंट हेल्थ में 4,142 किशोरों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों को अध्ययन की शुरुआत में डिप्रेशन नहीं था।

किशोरों से पूछा गया कि पिछले सप्ताह के दौरान उन्होंने टीवी या वीडियो को देखने, कंप्यूटर गेम खेलने या म्यूजिक सुनने में कितने घंटे बिताए थे. उन्होंने प्रति दिन 5.68 घंटे इन चीजों में बिताने की सूचना दी, जिसमें 2.3 घंटे टेलीविज़न, 0.62 घंटो वीडियो, कंप्यूटर गेम के 0.41 घंटे और 2.34 घंटे म्यूजिक के शामिल हैं। इसके सात साल के बाद इन प्रतिभागियों की जब जांच की गयी तो 308 प्रतिभागियों में अवसाद के लक्षण विकसित हुए.

इस बात से यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि जिन लोगों ने ज्यादा वक्त इन चीजों में बिताया और इसकी अवधि बढ़ाते गए उनमे अवसाद होने की संभावनाएं और भी ज्यादा बढ़ गयी. शोधकर्ताओं का कहना है कि मीडिया के एक्सपोजर कई अलग-अलग तंत्रों के माध्यम से अवसाद के लक्षणों के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। अगर ऐसी चीजों पर व्यतीत किया गया समय सामाजिक, बौद्धिक या एथलेटिक गतिविधियों पर खर्च किया जाए यो ये आपको अवसाद से बचाएगा।

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