जिंदगी की जंग हार गया लेकिन दूसरे की जिंदगी रोशन कर गया
जिंदगी की जंग हार गया लेकिन दूसरे की जिंदगी रोशन कर गया
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इंदौर : वह परिवार का एकलौता लाल था। घर की जिम्मेदारी उसके कंधो पर थी, लेकिन अचानक एक हादसा और घर में मातम पसर गया। बेहोशी की हालात में गंभीर रूप से घायल राहुल जिंदगी की जंग हार गया, लेकिन जाते जाते दूसरे की जिंदगी रोशन कर गया। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के समीप महू में करीब 10 दिन पहले 28 वर्षीय राहुल सोलंकी पिता गोविंद सोलंकी सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था।

गंभीर रूप से घायल राहुल को आनन फानन में हॉस्पिटल ले जाया गया। दस दिन से बेहोशी की हालात में राहुल ने आज मंगलवार को दम तोड़ दिया। राहुल अपने परिवार का एकलौता लड़का था। वह रविवार 29 मई की रात अपने दोस्त के साथ किसी काम से बहार गया था। घर लौटते समय बाइक से सड़क हादसे का शिकार हो गया। ज्यादा खून बहने की वजह से बेहोशी की हालात में घायल राहुल को आईसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया। हालात में कोई सुधार नही होने की वजह से आज राहुल की मौत हो गई।

राहुल की मौत के बाद उसके चाचा ओमप्रकाश सोलंकी ने नेत्र दान की इच्छा जाहिर की। इसके बाद एमवाय अस्पताल से डॉ कोमल अपनी टीम के साथ पहुची और नेत्र दान की प्रक्रिया पूरी की। इस घटना के बाद परिवार के मातम है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। लिहाजा राहुल तो दुनिया को अलविदा कह गया लेकिन जाते जाते अपनी आँखे दान कर दूसरे की जिंदगी रोशन कर गया।

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