Sep 10 2016 08:12 PM
मुम्बई: पति-पत्नी के बीच कोई शारीरिक संबंध नहीं बने हैं, यह साबित करने के लिए पत्नी का मेडिकल टेस्ट कराने की मांग करने वाले पति को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में इसकी इजाजत दे दी है.
दरअसल, शारीरिक संबंध नहीं बनने को आधार बनाकर पति द्वारा फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की गई थी. तब कोर्ट ने यह जांचने के लिए पत्नी के मेडिकल टेस्ट की अनुमति दी थी, कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने हैं या नहीं? इसके खिलाफ पत्नी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर फैमिली कोर्ट के दिए आदेश को बहाल रखा है.
मामला कुछ ऐसा है कि दिसंबर 2010 में इस जोड़े की शादी हुई थी. तब महिला की उम्र 33 वर्ष और पुरुष की उम्र 38 साल थी. यह दोनों की दूसरी शादी थी. 2011 में पति ने तलाक की अर्जी दी. फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने दावा किया कि दोनों के बीच कई बार संबंध बने हैं. पति ने इसके उलट दलील दी और यहां तक कहा कि महिला शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम ही नहीं है. इस पर फैमिली कोर्ट ने महिला के मेडिकल टेस्ट के आदेश दिए थे.
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