तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच संबंध कभी बहुत खास नहीं रहे। जब ममता कांग्रेस में थी तब भी कई मौकों पर, उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से खुद को ठगा हुआ महसूस किया था। लेकिन इसके बाद भी वह पूर्व पीएम राजीव गांधी की मुरीद थीं। उन्होंने राजीव को 'दिलों को जीतने वाला नेता' करार दिया था।
इतना ही नहीं जब उन्हें राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली, तो वह एक सप्ताह तक बंद कमरे में रोती रही थीं। ममता बनर्जी आज अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं। ममता बनर्जी ने बताया था कि जब 1991 में कोलकाता की रैली के दौरान कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) (CPIM) कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया था, तब राजीव गांधी ने खुद उनके उपचार का खर्च उठाया था। उन्होंने आगे के उपचार के लिए अमेरिका जाने के बारे में भी पूछा था।
ममता बनर्जी ने बताया था कि जब उन्हें राजीव गांधी की हत्या की जानकारी मिली थी, तो एक सप्ताह तक वह खुद को कमरे में बंद कर रोती रही थीं। अपनी आत्मकथा 'माय अनफॉरगेटबल मेमोरीज' में ममता बनर्जी ने लिखा है कि 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या की खबर सुनी तो वह अंदर से बुरी तरह टूट गई थीं। उन्होंने एक सप्ताह तक कुछ नहीं खाया था और न ही किसी से बात की थी। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा कि, 'मैं एक बार फिर पूरी तरह अनाथ हो गई थी, मेरे पिता की मौत के बाद यह दूसरी बार था।'
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