कोलकाता: 2019 लोकसभा चुनाव में अभी तक 6 चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी जीत के दावे कर रही हैं. भाजपा को जहां देश में पीएम मोदी के सत्ता में वापसी करने की उम्मीद है वहीं मोदी विरोधियो के खेमे में निरन्तर एकजुटाता दिखाने की ढेर सारी कोशिशें देखने को मिल रही है. किन्तु अभी भी विपक्षी पार्टियों में एक राय नहीं दिख रही है.
ताजा मतभेद विपक्षी पार्टियों की बैठक को लेकर प्रकाश में आया है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि 21 मई को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख और आंंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में सभी विपक्षी दलों की दिल्ली में बैठक होनी है. किन्तु अब ऐसी खबर है कि यह बैठक चुनाव परिणाम वाले दिन ही होगी. दरअसल 21 तारीख को विपक्षी पार्टियों की बैठक का प्रस्ताव नायडू लेकर आए थे, किन्तु अधिकतर विपक्षी दलों की इस बैठक को 23 मई को चुनाव परिणाम के बाद बुलाने को कहा है.
चंद्रबाबू नायडू ने इस सिलसिले में सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और फिर टीएमसी सुप्रीमो तथा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाक़ात कर ये प्रस्ताव रखा था. लेकिन ममता ने स्पष्ट तौर पर ये कहकर आने से मना कर दिया कि नतीजों से पहले बैठक का क्या फायदा? आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने इस सिलसिले में फोन पर बाकी दलों के नेताओं से संपर्क किया था.
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