बच्चों को डमी पुतले के माध्यम से कराया गुड टच एवं बैड टच का एहसास
बच्चों को डमी पुतले के माध्यम से कराया गुड टच एवं बैड टच का एहसास
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इंदौर/ब्यूरो। महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं इस संबंध में जागरूकता लाने के उद्देश्य से पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर  हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर के दिशा निर्देशन में इंदौर पुलिस द्वारा लगातार स्कूल, कॉलेजों, संस्थानों एवं  में बस्तियों आदि में  बच्चो व लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करने हेतू विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।  इसी अनुक्रम में ऑपरेशन एहसास के तहत बच्चों के बीच पहुंच उन्हें गुड टच बैड टच आदि के संबंध में बताया जा रहा है।

इसी कड़ी में पुलिस उपायुक्त मुख्यालय निमिष अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मुख्यालय मनीषा पाठक सोनी के मार्गदर्शन में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बजरंग नगर इंदौर में "ऑपरेशन एहसास" कार्यक्रम के तहत   विद्यालय के कक्षा 4 एवं 5 के विद्यार्थियों को पुलिस उपायुक्त मुख्यालय इंदौर कार्यालय की निरीक्षक श्रीमती राधा जामौद एवं उप निरीक्षक श्री शिवम ठक्कर  द्वारा विस्तार से बच्चों की सुरक्षा संबंधी उपयोगी जानकारी एवं "गुड- टच" व  "बैड-टच" बड़े ही रोचक तरीके से डमी पुतले के माध्यम से प्रदान की ।

इस दौरान उनि शिवम ठक्कर ने बताया की गुड टच ऐसा स्पर्श होता है, जिससे बच्चों को सुखद और सुरक्षित महसूस होता है। इस प्रकार के स्पर्श को बच्चों की देखभाल, प्रेम और स्नेह दिखाने का एक तरीका माना जाता है। ये स्पर्श बच्चों में मुस्कान पैदा करते हैं। उदाहरण के लिए, मां का गले लगाना, पिताजी का गुड नाइट किस, दादा-दादी का अपने बाहों में लेकर प्यार दुलार करना या फिर खेलते वक्त दोस्त का हाथ पकड़ना। इन सभी से बच्चों को सुखद व सुरक्षित एहसास की अनुभूति होती है। 

वहीं निरी राधा जमोद द्वारा बैड टच के बारे जानकारी देते हुए बताया कि यह ऐसा स्पर्श होता है, जिससे बच्चे असहज और बुरा महसूस करते हैं। वह चाहते हैं कि इस प्रकार के स्पर्श को वे उसी समय रोक दें। खासकर बच्चों की अनुमति के बिना उन्हें कोई गलत तरीके से गलत जगह छूता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई बच्चे के निजी अंगों को छूता है और किसी को न बताने के लिए कहता है। इस प्रकार के बुरे स्पर्श से बच्चे हमेशा बचना चाहते हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि यदि उनके साथ कभी भी ऐसा हो तो उसे नजरअंदाज ना करें उसे अपने माता-पिता एवं परिजनों या पुलिस को जरूर बताएं। बच्चों ने पुलिस अधिकारियों की बातों को बड़े ध्यान से सुना एवं कई प्रश्न भी किए। साथ ही विद्यार्थियों को पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर जैसे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, डायल-100 आदि के बारे में भी बताया  | कार्यक्रम में विद्यालय की प्राचार्या  रेनू श्रीवास्तव व स्टाफ उपस्थित रहा । एसपीसी नोडल शिक्षिका अनीता शुक्ला ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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