उज्जैन। शहर में स्थित सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर की दीपमालिका का संधारण जारी है। राजस्थान से आए कारीगरों ने दीपमालिका के क्षतिग्रस्त पत्थरों को निकाल दिया है। इनके स्थान पर अब नए दीपक लगाए जाएंगे। इन दीपों का निर्माण राजस्थान में किया जाएगा। इसके लिए पुरातन पत्थरों की तरह मजबूत पत्थरों का उपयोग किया जाएगा।
ज्ञात हो कि हरसिद्धि मंदिर परिसर में दो दीप स्तंभ स्थापित हैं। इन्हें दीपमालिका के नाम से जाना जाता है। हरसिद्धि मंदिर समिति भक्तों के सहयोग से दीपमालिका प्रज्वलित कराती है। आज से लगभग डेढ़ माह पहले एक दीपस्तंभ में भीषण आग लग गई थी। इस अग्निकांड में दीपस्तंभ के एक दर्जन से अधिक दीपक खंडित हो गए थे।
जिसके चलते मंदिर समिति द्वारा दीपमालिका का संधारण कराया जा रहा है। इसके लिए राजस्थान से करीगरों को बुलाया गया है। बीते एक पखवाड़े से कारीगर खंडित पत्थरों को निकालने का काम कर रहे हैं। उन्हें निकालकर कर उसके स्थान पर नए दीपक लगाए जाएंगे। नए दीपक का निर्माण राजस्थान में किया जाएगा। दीपमालिका प्रज्वलित करने वाले दीपों पर चढ़कर इन्हें प्रज्वलित करते हैं। इसलिए संधारण में इसकी मजबूती का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
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