महाराष्ट्र - उत्तरप्रदेश में पैदा हो सकते हैं अकाल के हालात
महाराष्ट्र - उत्तरप्रदेश में पैदा हो सकते हैं अकाल के हालात
Share:

लखनऊ : यदि सरकारों ने ध्यान नहीं दिया तो सूखे के हालात अकाल में तब्दील हो जाऐंगे। इससे बड़े पैमाने पर खेती प्रभावित होगी। यही नहीं इस तरह की परेशानियों से किसान आत्महत्या की संभावना और बढ़ सकती है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर जानवरों के लिए अकाल जैसी स्थिति है। यह बात स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य व जय किसान आंदोलन के संयोजक प्रो. योगेंद्र यादव ने सूखे की गंभीरता पर लोगों का ध्यान खींचा। उनका कहना था कि यदि हालात बिगड़ते रहे तो अकाल जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है। प्रो. योगेंद्र यादव का कहना था कि सूखे का केंद्र उत्तरप्रदेश है।

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में भयावह सूख पड़ा है। हालांकि उत्तर प्रदेश के करीब के क्षेत्रों में बाढ़ भी आई लेकिन उत्तर प्रदेश में कई क्षेत्रों में हालात ये हैं कि समय से पहले ही जलस्त्रोत सूख रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रो. योगेंद्र यादव ने कहा है कि अकाल के हालात कई क्षेत्रों में बन चुके हैं। महाराष्ट्र में इस बार फिर सूखे के हालात हैं। इससे किसानों की फसलें प्रभावित होने का अंदेशा है। माना जा रहा है कि सबसे ज़्यादा हालात मराठवाड़ा में खराब हैं।

यहां पर सामान्य से करीब 40 प्रतिशत वर्षा कम हुई है। उत्तर प्रदेश में 45 प्रतिशत वर्षा की कमी बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सूखे से पहले ही स्थिति खराब है इस मौसम बारिश न होने के कारण स्थिति और भी बिगड़ गई है। प्रो. यादव ने कहा कि सूखे के हालात को लेकर उन्होंने संवेदना यात्राऐं  निकाली थीं।

जिसमें सूखे के हालात को लेकर लोगों और सरकारों को चेताया गया। यही नहीं सूखे का सामना करने के उपाय भी बताए। सूखाग्रस्त प्रदेशों कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की वास्तविकता देखने को मिली है। उन्होंने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार, पौष्टिक आहार की उपलब्धता जैसी परेशानियां सामने आने की बात भी कही। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -