उद्धव सरकार में किन-किन चीज़ों पर थी पाबंदी ? CM शिंदे ने विधानसभा में खोले कई राज़
उद्धव सरकार में किन-किन चीज़ों पर थी पाबंदी ? CM शिंदे ने विधानसभा में खोले कई राज़
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मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार ने सोमवार (4 जुलाई 2022) को बहुमत साबित करते हुए सत्ता का फाइनल टेस्ट भी पास कर लिया था। इस पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि विकास और हिंदुत्व नए शासन के एजेंडे में हैं। विधानसभा में बोलते हुए, सीएम शिंदे ने बीते 2.5 वर्षों में शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की नीतियों का अपमान करने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि शिवसेना के कांग्रेस और NCP के साथ सरकार चलाने के दौरान, शिव सैनिक, हिंदुत्व के लिए आवाज नहीं उठा सकते थे और न ही वीर सावरकर के बारे में भी बोल सकते थे। 

सीएम शिंदे ने आगे कहा कि, 'बीते 2.5 वर्षों का अनुभव शिव सैनिकों के लिए सबसे खराब रहा। शिवसेना कांग्रेस और NCP के साथ सत्ता में थी। इन ढाई वर्षों में कई बार कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया था, मगर हमें कांग्रेस के खिलाफ बोलने से रोक दिया गया। हम शिवसैनिकों ने बीते ढाई साल में काफी कुछ झेला है।' NCP और कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि शिव सैनिकों को चुप करा दिया गया और दाऊद के साथ ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों पर कार्रवाई करने से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन शिवसेना नेताओं ने महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के विरुद्ध विद्रोह किया, वे शिवसेना का हिस्सा थे, बाला साहेब की शिवसेना का हिस्सा थे।

उन्होंने आगे कहा कि, 'हम बालासाहेब और आनंद दीघे के सिद्धांतों के कट्टर अनुयायी रहे हैं, जिन्होंने सदैव लोगों के बारे में सोचा न कि सत्ता के बारे में। हम उनके विचारों के विरुद्ध कभी विद्रोह नहीं करेंगे।' इस दौरान सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि वह (शिंदे) कभी सत्ता नहीं चाहते थे। वह हमेशा से शिवसेना और भाजपा का गठबंधन देखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि 2019 में भाजपा, महाराष्ट्र में शिवसेना से डिप्टी सीएम बनाने के लिए तैयार थी, मगर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद चाहिए था। 

इसके साथ ही सीएम शिंदे ने कहा कि MVA गठबंधन बनने के बाद, पार्टी ने उनके नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए किया था, मगर पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और उनकी पार्टी ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और फिर उद्धव ठाकरे को सीएम पद दिया गया। सीएम शिंदे ने कहा कि, 'मैंने तब भी एक शब्द नहीं कहा। मैंने शिवसेना का समर्थन किया। मगर इसके बाद में जो कुछ भी हुआ, वह अच्छा अनुभव नहीं था।' उन्होंने कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे को भाजपा से हाथ मिलाने के लिए 5 से 6 बार समझाने का प्रयास किया, मगर उनकी सभी कोशिशें विफल रहीं।

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को लताड़ लगाते हुए कहा कि इसने बाला साहेब ठाकरे का तिरस्कार किया है, जिन्होंने खुद भाजपा के साथ गठबंधन किया था। बता दें कि एक समय शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना कभी भी शरद पवार की NCP और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मगर शिवसेना ने वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के CM पद के लिए NCP और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया। हालाँकि यह सरकार 2.5 वर्षों में ही अल्पमत में आकर गिर गई।

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