रांची: झारखंड में 2 लोको पायलटों की सूझबूझ से पलामू टाइगर रिजर्व के 12 हाथियों की जान बच गई। कहा जा रहा है कि शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे एक ट्रेन 70 किमी प्रति घंटे की गति से पलामू टाइगर रिजर्व होते हुए बंगाल की तरफ जा रही थी। तभी लोकोमोटिव पायलटों ने अचानक हाथियों के झुंड को चिपदोहर एवं हेहेगरा रेलवे स्टेशनों के बीच पटरियों को पार करते देखा। तत्पश्चात, सहायक लोको पायलट रजनीकांत चौबे एवं लोको पायलट एके विद्यार्थी ने तेजी से इमरजेंसी ब्रेक खींचा तथा ट्रेन झुंड से लगभग 60 मीटर दूर रुक गई।
लोको पायलट चौबे ने कहा कि जहां घटना हुई उस भाग पर रफ़्तार की कोई सीमा नहीं थी, किन्तु 500 मीटर दूर 'कॉशन लाइन' के पश्चात् गति सीमा 25 किलोमीटर प्रति घंटे थी। वहीं पलामू टाइगर रिजर्व के एक अफसर ने कहा कि मौजूदा डबल-लाइन रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में छिपादोहर एवं हेहेगरा के बीच 11 किमी की दूरी से होकर गुजरती है। 1129.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस रिजर्व में स्तनधारियों की 47 प्रजातियां एवं पक्षियों की 174 प्रजातियां हैं। रिजर्व में लगभग 250 हाथी हैं।
पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि 12 हाथियों की जान बचाने के लिए हम लोको पायलटों का आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि घने जंगल के बीच से ट्रेनों की निरंतर आवाजाही से रिजर्व में वन्यजीवों को खतरा है। उन्होंने कहा कि इस खंड में अतीत में कई हाथी मारे गए थे। मैं अन्य लोको पायलटों से चौबे एवं विद्यार्थी की भांति सतर्क रहने का आग्रह करूंगा।
अपने ही घर में शिक्षक ने दफनाया पत्नी का शव, वजह चौंका देगी आपको
यूपी में अखिलेश यादव का शक्ति प्रदर्शन, अपने विधायकों को दिया ये टास्क