'अपने कार्यकर्ताओं की भी रक्षा नहीं कर पा रही भाजपा सरकार', CM बोम्मई ने कुमारस्वामी पर साधा निशाना
'अपने कार्यकर्ताओं की भी रक्षा नहीं कर पा रही भाजपा सरकार', CM बोम्मई ने कुमारस्वामी पर साधा निशाना
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बेंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के बेल्लारे में एक युवा भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के कुछ दिनों बाद, मंगलुरु के बाहरी इलाके में एक 23 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। जी दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बीते शनिवार को इन घटनाओं की निंदा की और इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य को 'नष्ट' कर दिया है जो 'शांति का बगीचा' है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'एक अक्षम, असहाय कर्नाटक की भाजपा सरकार, जो न केवल देश के लोगों बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की रक्षा करने में असमर्थ है, प्रवीण नेतरू हत्याकांड को जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया। हालांकि, एनआईए तट पर सभी हत्याओं की जांच करने से हिचकिचा रही है! क्यों?'

इसी के साथ कुमारस्वामी ने कहा कि 'सरकार के पास हर हत्या की जानकारी है। यह भी पता है कि वे हत्याएं हो रही हैं। हालांकि, 'डबल इंजन सरकार' दोहरा खेल खेल रही है। भाजपा, जो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है, सत्ता में लाने वाले युवाओं के जीवन की गारंटी देने के लिए बहुत कमजोर है।' इसी के साथ कुमारस्वामी ने बोम्मई से आगे सवाल किया कि क्या उन्होंने 'मन की शांति' के लिए कोई कार्रवाई की। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, 'मैंगलोर में लोगों को बहादुर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा क्या संदेश दिया गया था, जिन्होंने प्रवीण की हत्या का मामला एनआईए को जांच के लिए सौंप दिया? क्या 'शांति बनाए रखें' शब्द कम से कम एक बार उनकी जुबान पर आया? नहीं आया !! क्या आपने मन की शांति के लिए कार्रवाई की? वह भी नहीं किया । उन्होंने हिंसा में और घी डाला।' जी दरअसल जांच के लिए मामले को एनआईए को सौंपने के लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि' उन्हें पुलिस व्यवस्था पर 'विश्वास नहीं' है।' इसी के साथ उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'एनआईए द्वारा जांच किए गए कितने मामलों में तार्किक निष्कर्ष है? कोई नहीं है। केस को एनआईए को सौंपने के बाद जांच में आगे बढ़ रही राज्य पुलिस को मुख्यमंत्री ने क्या संदेश दिया? जो खुद गृह मंत्री थे, सीएम बनने के बाद उन्हें अपने अधीन पुलिस व्यवस्था पर भरोसा नहीं है !! क्या यह विडंबना नहीं है।'

जी दरअसल कुमारस्वामी ने कहा, 'क्या राज्य में कोई कुशल पुलिस अधिकारी नहीं हैं? अगर वफादार और ईमानदार अधिकारियों को खुली छूट दी जाती है, तो वे तटीय हिंसा को जड़ से खत्म कर सकते हैं। लेकिन भाजपा की कर्नाटक की सरकार ऐसा नहीं चाहती। सक्षम अधिकारियों पर भरोसा किए बिना मामले को एनआईए को सौंपने का नाटक नरसंहार की जांच के लिए 'मकबरा' बनाने जा रहा है।' आपको बता दें कि राज्य को 'सभी जातियों के लिए शांति का बगीचा' कहते हुए, जेडीएस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसे 'नष्ट' कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कर्नाटक सभी जातियों के लिए शांति का बगीचा है। आपने इसे नष्ट कर दिया है। आपका साम्राज्य, जो हिंसा नामक जहरीले सांप के सिर के नीचे बना है, निश्चित रूप से।'

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