मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थली मथुरा में कृष्णजन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया .रात 12 बजे कान्हा जन्म के समय ढोल-नगाड़ों उनका का स्वागत किया . देर रात अभिषेक के पश्चात् भगवान को 'कुसुम वेलि' पोशाक पहनाने के बाद भव्य आरती हुई. करीब 1:30 बजे रात तक भक्तों ने कन्हैया के दर्शन किए. दुग्धाभिषेक के लिए जयपुर से बनवाई गई 51 किलोग्राम चांदी की गाय आकर्षण का केंद्र रही.
बता दें कि जन्मस्थान पर कृष्ण का गोपियों संग रासलीला का मंचन हुआ. साथ ही लीला मंच पर मयूर नृत्य भी किया गया.संत रामलाल गोस्वामी के अनुसार बरसाना के गुहवर वन में मोर देखने के लिए राधा आती थीं.एक बार कृष्ण ने अपनी लीलासे सारे मोर गायब हो गए. यह देख राधा परेशान हो गईं. तब कृष्ण ने खुद मोर का रूप धारण कर नृत्य करने लगे. उनके साथ राधा भी मोर के रूप में नृत्य करने लगीं. तभी से यह मयूर नृत्य शुरू हुआ.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान समिति के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि दो दिनों में करीब 35 लाख भक्तों ने भगवान के दर्शन किए. भक्तों के लिए साढ़े चार हजार किलो से ज्यादा प्रसाद तैयार करवाया गया.इस कृष्ण जन्माष्टमी पर जयपुर से मंगवाई गई 51 किलो वजन वाली चांदी की गाय आकर्षण का केंद्र रही.इस स्वचालित मशीन में रात 12 बजे का समय सेट किया गया . जैसे ही कृष्ण का जन्म हुआ, चांदी की गाय के पेट में लगी इस मशीन से दूध निकलने लगा. इसी दूध से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक किया गया.
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