अमृतसर: पंजाब में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले शरबत खालसा के जत्थेदारों ने आपरेशन ब्लूस्टार के चीफ कमांडर कुलदीप सिंह बराड़ और पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएल गिल को सिख पंथ से खारिज (निकालने) की घोषणा कर दी|
यह महत्वपूर्ण फैसला बुधवार को अमृतसर में हुई पंथक संगत समागम में लिया गया. इसके अलावा सुखबीर बादल को बरगाड़ी कांड को लेकर जवाब देने के लिए 20 अगस्त तक का समय दे दिया गया. जत्थेदारों की इस बैठक के बाद सिख राजनीति फिर गर्मा गई है|
बता दें कि शरबत खालसा के जत्थेदार सुबह करीब पांच बजे ही श्री हरिमंदिर साहिब में पहुंच गए. वे करीब तीन घंटे तक श्री अकाल तख्त साहिब में बैठक करते रहे. इस दौरान उन्होंने कई निर्णय किए. इन जत्थेदारों को पिछले दिनों हुए शरबत खालसा के दौरान चुना गया था|
जत्थेदारों ने आॅपरेशन ब्लूस्टार के चीफ कमांडर कुलदीप सिंह बराड़ और पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएल गिल पर सिखों के कत्लेआम का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सिखों का कत्लेआम हुआ और इसके लिए कुलदीप सिंह बराड़ और केपीएल गिल दोषी हैं. इसलिए उनको पंथ से खारिज किया जाता है|
इसके अलावा जत्थेदारों ने बरगाड़ी कांड और इसको लेकर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की भूमिका पर भी चर्चा की. उन्होंने सुखबीर बादल को पेश होकर बरगाड़ी कांड पर हुई अब तक की जांच रिपोर्ट पेश करने काे कहा था, लेकिन सुखबीर उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद जत्थेदारों ने सुखबीर को एक माह का अौर समय देते हुए 20 अगस्त को पेश होकर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही जत्थेदारों ने केंद्र सरकार से जेलाें में बंद सिखों को रिहा करने की भी मांग की उन्होंने कहा कि सिख पंथ सरकार को हर तरह का हर्जाना देने के लिए तैयार है|