अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस हर वर्ष 17 अक्टूबर को वर्ल्ड स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है। दिन का उद्देश्य विश्व भर में, विशेष रूप से विकासशील देशों में गरीबी और उन्मूलन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता को और भी ज्यादा बढ़ाना है। “सभी के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय प्राप्त करने के लिए एक साथ अभिनय करना”। इस साल इस दिवस का विषय सभी के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय प्राप्त करने की चुनौती से सम्बंधित है।
इतिहास: इस साल General Assembly यानी महासभा द्वारा इस दिन का एलान 27 वीं वर्षगांठ है, 22 दिसंबर 1992 के 47/196 के संकल्प में, 17 अक्टूबर को गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में चिह्नित कर दिया गया है। इस वर्ष फादर जोसेफ रेसिंस्की द्वारा कॉल टू एक्शन की 32 वीं वर्षगांठ को भी चिन्हित किया गया है – जिन्होंने अत्यधिक गरीबी को मात देने के लिए 17 अक्टूबर को विश्व दिवस के रूप में मनाना शुरू किया – और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिन को गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की है।
अन्य देशों के मुकाबले इंडिया के हालात - 15 अक्टूबर को वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 जारी कर दिए गए थे। वहीं 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस सेलिब्रेट किया है और 17 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस सेलिब्रेट किया। देखा जाए तो दोनों दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एक ही है, भुखमरी और गरीबी को समाप्त करना। लेकिन हाल ही में 15 अक्टूबर को वैश्विक भुखमरीकी रिपोर्ट ने भारत को अचंभित कर दिया। वैश्विक भुखमरी सूचकांक (global hunger inder 2021) में भारत 116 देशों में से 101वें स्थान पर ही था। वर्ष 2020 में 107 देशों में भारत 94वें स्थान पर था। वर्ष 2021 में इंडिया अपने पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे है। हालांकि यह रैंकिंग जारी करने के बाद भारत भी स्तब्ध हो चुके है।
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