नई दिल्ली: देश में किसी भी शुभ मौके पर आतंक के खतरे को भांपते हुए सुरक्षा व्यवस्था को इस कदर दुरुस्त कर दिया जाता है कि परिंदा भी पर न मार सके. ऐसे में एक सवाल जो जहन में बार-बार आता है वो ये कि आतंक के इस साए में 125 करोड़ की आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितने सुरक्षित है. चूंकि उनके दामन पर 2002 के गुजरात दंगे का कालिख है और साथ ही उन पर हिंदूवादी नेता का टैग भी लगा हुआ है, ऐसे में आतंकियों के निशाने पर उनका होना लाजिमी है, लेकिन आज हम आपको बताते है कि क्यों कोई उनके 1 किमी के दायरे में भटक भी नही सकता है. मोदी की सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दोगुनी है. कारण जो भी हो, पर एक बात तो तय है कि हम देश के दुश्मनों को कारारा जवाब देने के लिए तैयार है. जब मोदी चलते है, तो जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा के घेरे तुरंत तैयार हो जाते है. पीएम मोदी जिस बीएमडब्ल्यू 7 कार में चलते है वो बुलेट प्रूफ तो है ही साथ ही वो अतिसुरक्षा वाली कार है. उनके काफिले के साथ-साथ दो और ऐसी डमी कारें चलती है, ताकि दुश्मन को आसानी से चकमा दिया जा सके.
उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों में हजार से भी ज्यादा कमांडो तैनात रहते है. पीएम के काफिले में सबसे पहले चलती है दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी स्टाफ की गाड़ी, जो कि सायरन बजाते हुए आगे बढ़ती है. उसके पीछे होती है एसपीजी की दो गाड़ियां. इसके बाद दाएं व बाएं से दो गाड़ियां चलती है और सेंटर में होती है मोदी की गाड़ी. मोदी के काफिले में चलने वाली गाड़ियों की जांच एसपीजी द्वारा ठीक से की जाती है. काफिले में एक जैमर से लैस गाड़ी भी होती है. इस जैमर में दो एंटेना लगे होते है, जो कि सड़क के दोनों ओर 100 मीटर की दुरी पर रखे विस्फोटक को निष्क्रिय कर सकती है. दिल्ली पुलिस की जिप्सियों के साथ-साथ एक एंबुलेंस भी काफिले में हर वक्त शामिल रहता है. जब पीएम पैदल चलते है, तो उनके आगे-पीछे एनएसजी के कमांडो सादे कपड़े में चलते है. मोदी की सुरक्षा में लगे एसपीजी के कमांडो के पास आधुनिक तकनीक से लैस हथियार है, जो एक मिनट में 800 राउंड फायर कर सकते है.
पीएम के साथ जो गार्ड चलते है, वो स्पेशल काले चश्मे पहनते है, जिससे हमलावर को बिना पता चले उन पर वो नजर रख सके. पीएम के 7 रेसकोर्स स्थित घर पर 500 एसपीजी कमांडो तैनात रहते है. पीएम जब विदेश दौरे पर जाते है, तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एयरफोर्स की हो जाती है. पीएम के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले दो विमान तैयार रहते है. यदि एक विमान खराब हो भी जाए तो दूसरे विमान से सफर किया जा सके. विमान के उड़ान भरने से पहले उस पूरे क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन में तब्दील कर दिया जाता है.
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