वाशिंगटन: ब्रिटेन के लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाद बाद अब खालिस्तानियों द्वारा अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किए जाने की घटना सामने आई है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। बता दें कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर पुलिस की कार्रवाई के चलते कुछ कट्टरपंथी सिखों में नाराज़गी देखी जा रही है। भारत सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि राज्य में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पंजाब सरकार ये कार्रवाई कर रही है।
Whether vandalizing consulates in the UK & San Francisco or Gandhi statues & Hindu temples, Khalistan flags are a ubiquitous presence & seen as a symbol of hate & terror.
— Hindu American Foundation (@HinduAmerican) March 20, 2023
We strongly condemn these latest attacks over the imminent arrest of dangerous separatist #AmritpalSingh pic.twitter.com/BaP5yDvHSJ
रिपोर्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को स्थित इंडियन कॉन्सुलेट पर हमले की कई भारतीय-अमेरिकियों ने आलोचना की है। ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS)’ ने अपने बयान में कहा है कि लंदन और SFO में कानून व्यवस्था के पूर्ण रूप से नाकाम होने की वजह से वे हैरान हैं। वहीं, संगठन ने कट्टरपंथियों द्वारा भारतीय मिशन को निशाना बनाए जाने की निंदा की। सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानी नारों के साथ भीड़ ने सिक्योरिटी बैरियर को भी तोड़ दिया। ये बैरियर सिटी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए थे।
यही नहीं, भारतीय वाणिज्य दूतावास के परिसर के अंदर खालिस्तानी झंडे भी लगा डाले गए। हालाँकि, कर्मचारियों ने फ़ौरन ही इन झंडों को हटा दिया। इसके कुछ देर बाद ही खालिस्तानियों की भीड़ वापस लौटी और खिड़की-दरवाजे पर लोहे की रॉड से हमला करने लगी। भारतीय समाज के नेता अजय भूतोड़िया ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये न केवल भारत-अमेरिका के संबंधों पर खतरा है, बल्कि समाज की शांति और समरसता के लिए भी उचित नहीं है।
उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को तुरंत अरेस्ट करने की माँग की। FIIDS ने इन घटनाओं को ‘वियना कन्वेंशन’ के अंतर्गत दूतावासों और अन्य कूटनीतिक कार्यालयों की सुरक्षा सम्बंधित अनुबंध का उल्लंघन बताया। संस्था ने भारतीय समाज, खासकर सिखों से इसके खिलाफ खड़े होने का अनुरोध किया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में भी खालिस्तानी समर्थक इकठ्ठा हुए और संसद के बाहर अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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