तिरूवनंतपुरम : इंसानियत न तो किसी जाति को पहचानती है और न ही उसके सामने धर्म आड़े आता है। इसका उदाहरण उस वक्त सामने आया जब एक ईसाई पादरी ने मुस्लिम महिला को अपनी किडनी दान दे दी। किडनी दान देने वाले पादरी का कहना है कि क्रिसमस की खुशी सिर्फ उसके लिये ही नहीं है, खुशियां यदि बांट ली जाये तो क्या बुरा।
मुस्लिम परिवार में अब खुशी का माहौल है क्योंकि यदि किडनी नहीं मिलती तो संभवतः महिला की जान भी जा सकती थी। बताया गया है कि पादरी शिबू योहानन ने मुस्लिम महिला कैरूनिसा को अपनी एक किडनी दान में दे दी है। जानकारी के अनुसार महिला एक बच्चे की माॅं होकर तीन सालों से किडनी की बीमारी से त्रस्त हो गई थी।
बताया जाता है कि महिला के परिजनों ने कई लोगों से किडनी दान देने के लिये कहा था लेकिन जब पादरी को महिला की स्थिति के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने अपनी किडनी दान देने के लिये हामी भर दी। जानकारी के अनुसार महिला को किडनी लगा दी गई है और वह फिलहाल अपने आपको स्वस्थ्य महसूस कर रही है।