नई दिल्ली: मंगलवार को राज्यसभा में जूवेनाइल जस्टिस बिल पास हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा रखे गए किशोर न्याय विधेयक को जो की बहुत समय से लटका हुआ था वह आखिरकार सदन में पास हो ही गया। राज्यसभा में इसके साथ ही जूवेनाइल बिल में बदलाव की औपचारिकता पूरी हो गई है व अब किशोर अपराधों की उम्र सीमा 18 साल से कम कर फिर से 16 साल कर दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में यह बिल बिना किसी संशोधन के पास हुआ। अब इस बिल को भारत के राष्ट्रपति के पास में भेजा जाएगा।
हालांकि इस पर राज्यसभा में बहस के दौरान सदन के बहुत से सदस्यों ने इसके विरुद्ध भी अपना पक्ष पेश किया. व सीपीएम ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की थी तथा फिर बाद में सदन से वाकआउट किया. आपको बता दे कि इस बिल में जघन्य अपराधों की श्रेणी में बलात्कार, तेजाब फेंकने, हत्या जैसे जघन्य अपराधों के साथ पांच और मामलों को सम्मिलित किया गया है. सदन में इस बिल पर वोटिंग से पूर्व सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि कानून निर्माताओं के तौर पर हमें भावनाओं में आकर किसी भी प्रकार को कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिल को पास कराने की जगह इसे सिलेक्ट कमिटी के पास भेजा जाए। जिसे कि उपसभापति ने नकार दिया। इस दौरान राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान निर्भया के माँ-बाप भी उपस्थित रहे। राज्यसभा का दर्शक दीर्घा खचाखच भरा था और लोग बेसब्री से इस जूवेनाइल जस्टिस बिल को पास होने का इंतजार कर रहे थे।