सियोल : कोरियाई महिलाओ को यौन दासी के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर जापान ने दक्षिण कोरिया से माफ़ी मांग ली है. सोमवार को इस विवादस्पद मुद्दे पर जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है. और जापान इसके लिए जीवित पीड़ित महिलाओ को एक अरब येन यानि 55 करोड़ रूपए देगी. इस समझौते के दौरान जापानी विदेश मंत्री फुमिओ किशिदा ने अपने बयान में कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय सेना के द्वारा यौन शोषण का शिकार हुई कम्फर्ट वुमन ( यौन दसिया ) के लिए जापान सरकार द्वारा राशि दी जाएगी.
जापानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर जापान सरकार को अपनी जिम्मेदारी का पूरा एहसास है. इसके साथ ही प्रदाहनमंत्री शिंजो अबे ने सभी पीडितो से से दिल से माफ़ी मांगी है. और पछतावे का सन्देश भी दिया है. आपको बता दे कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से ही दोनों देशो के बीच इस मुद्दे पर विवाद चल रहा है. अमेरिका भी इस विवाद को सुलझाने के लिए जापान पर दबाव बनता रहा है.
आपको बता दे कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापानी सैनिको ने मनोरंजन के लिए हजारो कोरियाई महिलाओ को देह व्यापर में धकेल दिया था. इन्ही महिलाओ को कम्फर्ट वूमेन कहा जाता है. आपको बता दे कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने 2 लाख कोरियाई महिलाओ को यौन बंधक बनाया था. द्वितीय युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया में 238 ऐसी महिलाये सामने आई थी, जिनमे से 46 महिलाये ही जीवित है. इन सभी महिलाओ कि उम्र 80 से 90 साल के बीच की है.