कभी माँ सब्जियां बेचती थी, आज बेटा फीफा वर्ल्ड कप खेल रहा है...
कभी माँ सब्जियां बेचती थी, आज बेटा फीफा वर्ल्ड कप खेल रहा है...
Share:

खेल जगत में खिलाड़ियों के चयन के समय अनेक फेरबदल होते रहते है परन्तु फीफा वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के खिलाड़ियों का जब चयन हुआ तब वह किसी चमत्कार से कम नहीं था क्यूंकि उस टीम में करीब 8 खिलाडी एक ही राज्य के थे. जब ऑल इंडिया फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन ने फ़ीफा अंडर 17 विश्व कप के खिलाड़ियों का चयन किया तो उस टीम के 8 खिलाडी मणिपुर से निकले. यह अपने प्रदेश के लिए बड़ी ही गौरवान्वित बात है जो बाकी प्रदेशों को पीछे छोड़ सबसे आगे निकल गया. इससे खिलाड़ियों में एक सकारात्मकता पैदा होती है. उसी टीम के एक चमकते सितारे हैँ जैक्सन सिंह जिनका नाता भी मणिपुर से ही है.

कहा जाता है कि किसी भी आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का हाथ होता है और ज्यादातर मौकों पर 'माँ' ही वह औरत होती है. उसी प्रकार जैक्सन सिंह की सफलता के पीछे भी उनकी माँ का बहुत बड़ा योगदान और त्याग शामिल है. आज अपने बेटे को ये मुकाम हासिल करवाने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है. जब कुछ साल पहले उनके पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को पैरालाइसिस हुआ तो उन्हें अपनी पुलिस की नौकरी गवानी पड़ी, तब जैक्सन की माँ पर पूरे घर की जिम्मेदारी का बोझ आ गया. माँ ने कभी अपने बेटे को इस बात का पता न होने दिया कि उनका परिवार कितनी कठिन परिथितियों से गुज़र रहा है.

अपने बेटे के खेल के प्रति रूचि देखकर माँ न थमी न थकी और अपने गाँव से 25 km दूर जाकर सब्ज़ी बेचती रही, ताकि उनका घर चल सके. इतनी कठिनाई के बीच भी जैक्सन का हौंसला कम नहीं हुआ बल्कि अपनी माँ की इस मेहनत को देखकर उसका फुटबॉल के प्रति जूनून और बढ़ गया. जैक्सन के बड़े भाई कोलकाता के पियरलेस क्लब से खेलते हैं लेकिन उनकी जमा राशि भी परिवार का कुछ ज्यादा सहयोग नहीं कर पायी. इन सब पर जैक्सन का कहना है कि, "मेरा सपना था कि मैं अपने देश के लिए खेलू, और अब ये सपना मुझे सच होता नज़र आ रहा है.

इसके पहले 2015 में मुझे चयनकर्ताओं की उपेक्षा भी झेलनी पड़ी जब मैं चंडीगढ़ अकादमी में था, इसके बावजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी और अंडर-17 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई". अपने परिवार की स्थिति बताते हुए जैक्सन ने कहा कि, "मैं एक बहुत ही छोटे गाँव से नाता रखता हूँ, जहाँ मेरी नानी और मेरी माँ बाजार मैं सब्ज़िया बेचकर घर चलाते है. मैं अपने परिवार की इस हालत को लेकर चिंतित भी हूँ.

FIFA U-17: भले भारतीय टीम हार गई, लेकिन दिल जीतने में कामयाब रही

अंडर-17 टीम ने मैच से पहले की माता-पिता से मुलाकात, हुए भावुक

FIFA UNDER 17: मैच देखने पहुंचे पीएम मोदी, इंडिया-US के बीच चल रहा है मुकाबला

 

न्यूज़ ट्रैक पर हम आपके लिए लाये है ताज़ा खेल समाचार आपके पसंदीदा खिलाडी के बारे में

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -