नई दिल्ली : मंगलवार को कैबिनेट में होने वाली फेरबदल से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने संवाददाताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होने कहा कि इस फेरबदल में बजट की सोच और प्राथमिकताएं झलकने की सोच है। पीएम ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो केवल अपनी कैबिनेट का विस्तार कर रहे है न कि उसे बदल रहे है। उन्होने कहा कि दो साल बाद तो विस्तार होना स्वभाविक है। इस फेरबदल में आने वाले चुनाव को प्राथमिकता दिए जाने की बात पर उन्होने कहा कि यह आवश्यकतानुसार तय किया जाएगा।
पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार बनने से पहले ही उत्तर प्रदेश में हमारे 72 सांसद चुने गए। मीडिया के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें खेद है कि वो मीडिया के एक भाग को संतुष्ट नहीं कर पाए। आगे उन्होने कहा कि जहां तक अफसोस की बात है तो मुझे नहीं पता कि आप मेरे जवाब से खुश होंगे की नहीं। लोकसभा चुनावों के दौरान और उससे पहले मीडिया का एक सेक्शन मजबूती से मानता था कि हम नहीं जीतेंगे।
मोदी ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैं उस सेक्शन को बीते दो सालों में हमारा प्वाइंट ऑफ व्यू नहीं समझा पाया। मेरे सामने चुनैती ही यही है कि मैं इन शंकालु को समझा और हमारी अच्छी भावना और विनम्रता से उन्हें नही मना पाया। पीएम ने कहा कि बीते 25 माह से उनकी सरकार को जिस तरह से लोगों का प्यार मिला है, वही उनकी सबसे बड़ी जीत है।
मोदी ने कहा कि उड़ान भरने के लिए मजबूत भारत की नींव रखी जा चुकी है। भारत को बदलने के लिए यह नींव निराशा से उम्मीद और आर्थिक मंदी से विकास की ओर ले जाने की क्षमता रखता है। सरकार के कामकाज से जुड़े सवालों पर पीएम ने कहा कि हिंदू मान्यता है कि चारधाम की यात्रा के बाद ही मोक्ष मिलता है, लेकिन भारत की हालत यह है कि एक फाइल को 20 धाम जाने के बाद भी मोक्ष नहीं मिलता। इसमें बदलाव हो रहा है।