May 22 2016 07:17 PM
चेन्नई: निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) फिर एक इतिहास रचने जा रहा है. दुबारा इस्तेमाल किये जा सकने वाले लांच व्हीकल स्पेस शटल का सोमवार को परीक्षण करेगा|
इस प्रोटाटाइप टेस्ट के जरिए इसरो अपनी नई तकनीक का परीक्षण श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से करेगा. डेल्टा विंग के सहयोग से निर्मित अन्तरिक्ष में जाने के बाद दोबारा धरती पर एयरक्राफ्ट की तरह उतर सकेगा और इसका फिर उपयोग किया जा सकेगा. इससे लांच की लागत में कमी आएगी|
परीक्षण के दौरान इस हाइपर सोनिक टेस्ट फ्लाईट को एक राकेट के साथ सीधा जोड़ा जाएगा. 70 किमी की उंचाई के बाद यह पृथ्वी के वातावरण में दुबारा प्रवेश करेगा और एक यान की तरह लैंड करेगा. विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डाइरेक्टर के. सीवन का कहना है कि इस परीक्षण के बाद इसको पूरी तरह तैयार होने में 10 साल लग जाएंगे|
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