श्रीहरिकोटा : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जीसैट-6 उपग्रह की उल्टी गिनती बिना किसी बाधा के जारी है। जीसैट-6 को लेकर जाने वाले भू समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान डी6 (जीएसएलवी-डी6) को गुरुवार शाम 4.52 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपण की 29 घंटे की उल्टी गिनती बुधवार को सुबह 11.52 पर शुरू हुई थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था (इसरो) के मुताबिक यान के क्रायजोनिक इंजन में ईंधन भरने की तैयारियां जारी हैं। इसरो की मिशन तैयारी समिति और प्रक्षेपण अनुज्ञा बोर्ड (एलएबी) ने सोमवार को इस बात की अनुमति दी थी कि प्रक्षेपण गुरुवार शाम किया जाए।
यह पांचवीं बार है कि इसरो दो टन से अधिक भार के उपग्रह का प्रक्षेपण जीएसएलवी से कर रहा है। इससे पहले के चार प्रयासों में से तीन विफल रहे थे जबकि एक सफल रहा था। जीएसएलवी उड़ान भरने के 17 मिनट बाद 2117 किलो के जीसैट-6 को कक्षा में स्थापित करेगा। जीसैट-6 नौ साल तक काम करेगा। जीसैट-6 इसरो का बनाया 25वां भू स्थैतिक संचार उपग्रह है।
जीसैट श्रृंखला का यह 12वां उपग्रह है। इसके सी बैंड में राष्ट्रीय बीम और एस बैंड में पांच स्पॉट बीमों के जरिए संचार सुविधा मिल सकेगी। इसका एंटिना इसरो द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा एंटिना है। इसका इस्तेमाल पांच स्पाट बीम के लिए किया जाएगा।