दमिश्क : इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक द्वारा इस्लाम का अंधानुकरण किया जा रहा है। यूं तो रमजान ख़ुदा की ईबादत का एक पाक माह होता है। इस दौरान मुसलमान न तो किसी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और न ही खून - ख़राबा मचाते हैं और इसके बाद ईद पर भी वे सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं लेकिन ISIS द्वारा रमजान में ही वहशीयाना करतूत को अंजाम दिया गया है। ISIS के लड़ाकों ने रमजान में दिन के समय भोजन करने वाले दो लड़कों को फांसी की सज़ा दे दी है। मामले में मायादीन के लोगों का कहना है कि 18 साल से भी कम उम्र के लड़कों ने भोजन किया तो उन्हें फांसी ही दे दी गई। इस तरह की वारदात ISIS के मुख्य स्थल हिस्बा के समीप हुई है।
मामले को लेकर कहा गया है कि इन शवों को वापस लौटाए जाने के साथ पर्चे भी इनके साथ छोड़े गए हैं। इन पर्चों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि किसी भी जायज़ कारण के बिना इन्होंने रोज़ा तोड़ दिया है। दरअसल इस्लामिक मान्यता के अनुसार रमजान माह में विश्वास करने वाले लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक खाने, पीने, धूम्रपान करने और सेक्स करने को वर्जित मानते हैं।
सीरिया में गुरूवार से ही रमजान का माह प्रारंभ हुआ है। दूसरी ओर सीरिया और इराक के विभिन्न क्षेत्रों पर नियंत्रण रखने वाले इस आतंकी संगठन द्वारा खिलाफत की घोषणा की है। इस संगठन द्वारा कहा गया है कि इस्लामिक विधि शरिया को समर्थन करती है। यही नहीं जिहादी संगठन कड़ी सज़ा देने में विश्वास करते हैं।