इराक की सरजमीं पर नही चाहिए विदेशी सैनिकों की चहलकदमी
इराक की सरजमीं पर नही चाहिए विदेशी सैनिकों की चहलकदमी
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बगदाद : सीरिया और इराक को अपना गढ़ बनाए बगदादी के खिलाफ लड़ाई में इराक को किसी की भी मदद की जरुरत नही है। इराक के प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने कहा है कि उनके देश को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए विदेशी सैनिकों की जरुरत नही है। हांलाकि उन्होने यह भी कहा कि हथियार व सैन्य प्रशिक्षण के रुप में दी जाने वाली मदद का स्वागत है। अबादी के कार्यालय से यह साफ तौर पर कहा गया कि इराक की सरजमीं पर विदेशी पैदल सैनिकों की कोई जरूरत नहीं है।

अबादी प्रधानमंत्री के साथ ही इराक के सशस्त्र सेना के कमांडर-इन-चीफ भी है। उनका कहना है कि इराक में यदि कोई विदेशी सैनिक मौजूद है तो उसे पहले मंजूरी लेनी चाहिए और सरकार के साथ सही समन्वय में काम करना होगा।

इससे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने यह घोषणा की थी कि वो इराक व सीरिया में विशेष सैन्य बल भेजेगा जो समय के साथ हमला करने, बंधकों को मुक्त कराने, खुफिया जानकारी जुटाने और इस्लामिक संगठन के नेताओं को पकड़ने का काम करेंगे। कार्टर ने कहा कि अमेरिकी फोर्स सीरिया में एक पक्षीय अभियान भी चलाएँगे। अमेरिका इस जंग में अधिक से अधिक योगदान देने की कोशिश कर रहा है। दुनिया के अन्य देशों को भी ऐसा ही करना चाहिए।

माना जा रहा है कि अबादी का यह बयान इसी संदर्भ में अमेरिका को जवाब है। इराक के उतरी व पश्चिमी क्षेत्र में आईएसआईएस ने कब्जा कर लिया है और शिया, सुन्नी, कुर्द, ईसाई, यजीदी कुर्द व अन्य नस्लीय व धार्मिक संप्रदायों के खिलाफ हिंसा को अंजाम दे रहे हैं।

 

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