EPS Pension Calculation: मंथली पेंशन के कैलकुलेशन का नया फार्मूला है यहाँ
EPS Pension Calculation: मंथली पेंशन के कैलकुलेशन का नया फार्मूला है यहाँ
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प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पास उनकी रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोविडेंट फंड होता है। इसके अलावा  रिटायरमेंट पर कर्मचारी को उनके एंप्लाय प्रोविडेंट फंड (EPF) की पूरी राशि मिल जाती है। इसके साथ ही एंप्लाय पेंशन स्कीम (EPS) के तहत उनकी पेंशन आना भी प्रारंभ हो जाती है।इसके साथ ही  ईपीएफ और ईपीएस दोनों ही कर्मचारी द्वारा कामकाजी जीवन में किये गए योगदान का हिस्सा होते हैं। वही ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये महीना तय होती है, हालाँकि अधिकतम मासिक पेँशन 7,500 रुपये है।

अगर आपको जानना है कि ईपीएस के तहत आपको कितनी मासिक पेंशन मिल सकती ही , तो इसके लिए आपको ईपीएस कैलकुलेटर या ईपीएस पेंशन कैलकुलेटर की आवश्यकता हो सकती है । आइए जानते हैं कि ईपीएस कैसे काम करती है।नियोक्ता द्वारा जो 12 फीसद योगदान कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड के तहत किया जाता है, वही वह पूरा प्रोविडेंट फंड में नहीं जाता है, बल्कि उसका कुछ हिस्सा ईपीएस में भी जाता है। इसके अलावा ईपीएस में पेंशन के लिए बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है, जिसका 8.33 फीसद ईपीएस में जाता है। इसका मतलब है कि 15,000 या इससे अधिक बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी के कर्मचारी योगदान में से प्रति माह 1250 रुपये ईपीएस में जाएंगे। इससे पहले बेसिक सैलरी 6,500 रुपये रखी गई थी और तब केवल 541 रुपये ईपीएस में जाते थे। चलिए उदाहरण से समझते हैं-अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है, तो 1250 रुपये ईपीएस में रखे जा सकते है। वहीं, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 35,000 है, तो भी ईपीएस में 1250 रुपये ही रखे जाएंगे। लेकिन अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 14,000 रुपये हैं, तो ईपीएस में 1166 रुपये रखे जाएंगे। ईपीएस में जाने वाला सारा पैसा सरकार के पास रखा होता है और कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद इससे पेंशन शुरू होती है।

इसके अलावा मासिक पेंशन की राशि कर्मचारी की सेवा की अवधि और एक तय फॉर्मूले पर निर्भर करती है। इसके साथ ही ईपीएस फॉर्मूला में पहले पेंशनेबल सैलरी और सर्विस पीरियड को गुणा किया जाता है और फिर उसमें 70 का भाग दिया जाता है। वही ईपीएस के लिए अधिकतम बेसिक सैलरी 15,000 होती है, इसलिए 15,000 से अधिक बेसिक सैलरी होने पर भी गणना 15,000 से ही की जाती है। ऐसे में अधिकतम बेसिक सैलरी फिक्स्ड होने से अधिकतम मासिक पेंशन 7,500 रुपये है। आइए उदाहरण से समझते हैं। अगर किसी कर्मचारी ने 30 साल नौकरी की है और उसकी बेसिक सैलरी 15,000 से अधिक है तो उसकी अधिकतम मासिक पेंशन फॉर्मूला के अनुसार (15000 * 30) / 70 = Rs 6429 रुपये होगी।

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