हर किसी के लिए बेटियां शान होती हैं. इस बात को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के छोटे से गांव कांकेतरा में रहने वाली छह बहनों ने साबित की है. आज जब ज्यादातर लोग बेटियों को बोझ मानते हैं, पूरा गांव सिन्हा परिवार की इन बेटियों पर गर्व करता है. इस गांव की पहचान ही इनसे है. बेटियां पैदा होने पर ताने देने वालों को पिता से मिले सुरों ने ऐसा मजबूर किया कि वही लोग अब इन बहनों की तारीफ करते नहीं थकते। मंच पर गायन-वादन सभी भूमिकाओं में यही होती हैं. बड़ी बहन दुर्गा आर्गन के साथ जब भजन शुरू करती है, तो अंजली बेंजो, श्रद्धा ढोलक, नूतन शहनाई और बांसुरी, डॉली पैड और तनुजा ऑर्गन पर ऐसी संगत देती हैं कि श्रोता झूम उठते हैं. खास बात यह कि ये हर कार्यक्रम में बेटी बचाओ का संदेश जरूर देती हैं.
कमलनाथ सरकार ने इस कार्यवाही से भाजपा पर किया पलटवार
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिला मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर राजनांदगांव-कवर्धा मुख्य मार्ग पर है गांव कांकेतरा. पिता भागवत सिन्हा और मां दीपा सिन्हा ने बेटियों बड़े नाजों से पाला है. पिता छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन करते हैं. भागवत बताते हैं कि लोग यह ताना देने से भी नहीं चूकते कि बेटियों की कमाई खा रहे हो. उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे हो. ऐसी बातें उन्हें और बेटियों को और मजबूत बनाती हैं. संगीत से जुड़ा जो भी ज्ञान उन्हें था, सौंप दिया. आज लगता है कि तपस्या बेकार नहीं गई. जो यश और सुख आज बेटियां दे रही हैं, बेटे क्या देंगे? भागवत कहते हैं कि वो बेटियों को ऐसे घरों में ब्याहेंगे, जहां उनकी कला की कद्र हो। बहनों की एकता भंग न हो.
निर्भया केस : स्मृति ईरानी के बयान से जगी उम्मीद, कानून का दुरुपयोग हो सकता है खत्म
अगर आपको नही पता तो बता दे कि भागवत ने बेटियों को तालीम दिलाने में कोई कमी नहीं रखी है. दुर्गा ने एमए-पीजीडीसीए और अंजली बीकॉम-पीजीडीसीए की पढ़ाई की है. श्रद्धा एमए फाइनल में है तो नूतन बीए फाइनल. डॉली कक्षा 12वीं की छात्र है, वहीं सबसे छोटी तनुजा कक्षा दसवीं की. सभी बहनें हमेशा अच्छे नंबरों से पास होती हैं. भजन करने पर बहनें फा करती हैं. वर्ष 2009 में कांकेतरा से लगे ग्राम सिंहपुर में इन बहनों ने पहली बार मंच पर सुर छेड़े थे. उसके बाद से शुरू हुआ सिलसिला आज भी जारी है. छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा आदि राज्यों के सभी बड़े आयोजनों में ये दो हजार से अधिक कार्यक्रम दे चुकी हैं. दुर्गा ने बताया कि सभी बहनें सुबह चार बजे से रोजाना पांच से छह घंटे रियाज करती हैं. अपने पिता पर उन्हें नाज है.
इस दिन होगी राम मंदिर ट्रस्ट की दूसरी बैठक
बीजेपी ने साधा उद्धव पर निशाना, चुप्पी को लेकर उठाए सवाल
संकट में कमलनाथ सरकार, नदी की धारा मोड़कर लंबा रास्ता बनाने का आरोप