अहमदाबाद: हाल ही में राजस्थान के कोटा, जोधपुर और बीकानेर में बच्चों की मौत का सिलसिला अभी थमा नहीं कि गुजरात के राजकोट और अहमदाबाद से भी ऐसी ही जानकारी सामने आ रही है. जंहा गुजरात के इन दो शहरों में अबतक 196 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दिसंबर 2019 महीने में राजकोट के सिविल अस्पताल में 111 और अहमदाबाद में 85 मासूम दम तोड़ चुके हैं. जिसे लेकर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने चुप्पी साध ली.
जांच में इस बात का पता चला है कि राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में पिछले महीने दिसंबर में 111 मासूम जिंदगी की जंग हार गए. यहां बच्चों की मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमार, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है. जंहा यह बताया जा रहा है कि राजकोट के सिविल अस्पताल में मरने वाले सभी बच्चे नवजात थे अस्पताल के एनआईसीयू में ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने की व्यवस्थाएं और क्षमता ही नहीं है. राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने कहा, राजकोट सिविल अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई. वहीं मुख्यमंत्री से जब बच्चों की मौत को लेकर सवाल किया गया तो वह बिना जवाब दिए वहां से चले गए.
#WATCH: Gujarat Chief Minister Vijay Rupani walks away when asked about reports of deaths of infants in hospitals in Rajkot and Ahmedabad. pic.twitter.com/pzDUAI231Z
ANI January 5, 2020
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने बच्चों की मौत पर कहा, 'दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं को नवजात गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था. जिनमें से 85 की मृत्यु हो गई.' ये है राजस्थान का हाल राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल के साथ जोधपुर और बीकानेर में भी बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. वहीं इस बात पर गौर फ़रमाया गया है महीनेभर में 102 नवजात समेत 146 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं कोटा में 110, बीकानेर में 162 और बूंदी में 10 मासूम जिंदगी की जंग हार चुके हैं. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है. मेडिकल कॉलेज के अधिकारी इन मौतों को सामान्य बता रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री गहलोत जोधपुर में बच्चों की मौत के सवाल को अनसुना कर दिया है.
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