नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सरकार के द्वारा सार्वजनिक की गई उनकी सौ गोपनीय फाइलों के सार्वजनिक होने के बाद भी उनकी मौत की गुत्थी का सस्पेंस बना हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक हुई नेताजी की इन फाइलों में बहुत सी अहम जानकारी सामने आई है जिससे राजनितिक विवाद उत्पन्न हो गया है. इन्ही में एक नई जानकारी का खुलासा हुआ है की नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के बाद भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनकी अस्थियों को वापस लाने से घबराती रहीं थीं।
इसके पीछे प्रमुख वजह राजनीति विवाद बताया गया है। इस बाबत 7 अगस्त 1995 को लिखे एक पत्र में उन्होंने लिखा है कि जब कर्नल हबिबुर्रहमान महात्मा गांधी के पास नेताजी की मौत से जुड़ी जानकारी लेकर आए थे उस वक्त अमिया वहां पर उपस्थित थे। दस्तावेजो में यह भी बात सामने आई है कि 1976 में टोक्यो के मंदिर में रखी नेताजी की अस्थियों को वापस तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीतिक विवाद छिड़ने के डर से नहीं लाई थीं। दस्तावेजो में नेताजी से जुडी और भी महत्वपूर्ण बातो का खुलासा हुआ है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे को निभाते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है तथा इसकी पहली किस्त के रुप में 100 फाइलों को पब्लिक किया गया है। इसके बाद अब हर माह 25-25 फाइलें सार्वजनिक की जाएंगी। पीएम ने इस दौरान नेताजी से जुड़ा एक पोर्टल भी लांच किया है।