भारतीय वायुसेना को मिला तेजस का तेज
भारतीय वायुसेना को मिला तेजस का तेज
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नई दिल्ली: भारत अब अग्नि की उड़ान भर रहा है. दरअसल भारतीय सेना रक्षा एवं अनुसंधान संगठन के माध्यम से एरक्राफ्ट, मिसाईल्स, हथियार, आधुनिक उपकरण आदि बनाने में आत्मनिर्भर हो गई है। केवल आत्मनिर्भर ही नहीं हो गई है बल्कि भारत अब कई देशों को अपने उपकरण बेच रहा है. भारत को स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान तेजस से शक्ति मिली है. संभावना है कि 7 जुलाई को ही यह लड़ाकू विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो सकता है।

हालांकि इस एयरक्राफ्ट का निर्माण 33 वर्ष के बाद किया गया है. तेजस ने वर्ष 2001 में उड़ानभरी थी. वायुसेना के प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने तेजस में उड़ानभरी, उन्होंने करीब 30 मिनट तक यह विमान उड़ाया. तेजस में उड़ानभरने वाले वे भारतीय वायुसेना के पहले चीफ हैं।

उल्लेखनीय है कि हिंदूस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के माध्यम से तेजस का निर्माण हो रहा है. वर्ष 2018 तक वायुसेना को 20 तेजस उपलब्ध होंगे. वर्ष 2026 तक कंपनी 100 विमान वायुसेना को उपलब्ध करवाएगी. इस तरह के स्टेंडर्ड विमानों की कीमत 275 से 300 करोड़ रूपए होगी।

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