भारत को तत्काल सैन्य उद्योग परिसर की जरूरत : कलाम
भारत को तत्काल सैन्य उद्योग परिसर की जरूरत : कलाम
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नई दिल्ली : रक्षा उद्योग के विकास के लिए एक लंबी अवधि की रक्षा रणनीति और दृष्टि होने के महत्व पर जोर देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख जरूरत सैन्य उद्योग परिसर स्थापित करने की है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में बड़े निजी उद्योगों को भी शामिल करना चाहिए। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के एक कार्यक्रम में यहां पर कलाम ने कहा, "मौजूदा वक्त की जरूरत राष्ट्रीय स्तर पर एक सैन्य उद्योग परिसर (एमआईसी) स्थापित करने की है और इसमें बड़े और मध्यम उद्योगों को रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के साथ अपने सदस्यों के रूप में शामिल करना होगा।"

उन्होंने कहा, "एमआईसी की स्थापना से न केवल औद्योगिक विकास की परिकल्पना की जा सकती है बल्कि इससे रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे। इससे जानकार श्रमिकों के लिए उच्च गुणवत्ता प्रणाली के उत्पादन में योगदान देने का मार्ग प्रशस्त होगा।" रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक और विज्ञान व्यवस्थापक के तौर पर काम कर चुके कलाम ने कहा कि रक्षा प्रणाली के निर्माण में निजी उद्योगों के प्रबंधन के लिए नियमों और नियंत्रण प्रक्रियाओं को लागू करना होगा।

 

 

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