लखनऊ: अपने निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में 800 से ज्यादा फरियादियों की परेशानियां सुनीं। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से नाराजगी प्रकट करते हुए पूछा कि थानों और तहसीलों में समस्याओं का निराकरण किस तरह हो रहा है? उन्होंने कहा कि यहां आने वाले फरियादियों की भीड़ यह बताती है कि जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं किया जा रहा है। असंतुष्ट लोग बार-बार एक ही परेशानी लेकर आ रहे हैं। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि पारदर्शिता के साथ पीडि़त के साथ इन्साफ करें।
दरअसल, आज सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर स्थित हिंदू सेवाश्रम और यात्री निवास में फरियादियों की परेशानियां सुनीं। लगभग 800 लोगों से मिल कर उनका लिखित आवेदन लिया। बाकी लगभग 300 लोगों से सीएम कैंप कार्यालय के प्रभारी मोतीलाल सिंह ने मुलाकात कर उनकी परेशानियां सुनी। मंदिर में फरियादी सुबह 6.30 बजे ही बड़ी तादाद में पहुंच चुके थे। जनता दर्शन में आए सर्वाधिक केस जमीन से जुड़े राजस्व और थानों से संबंधित थे। इनमें ऐसे कई केस थे, जो पहले भी जनता दर्शन में सीएम योगी के सामने आए थे, मगर फरियादी निस्तारण की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे।
कुछ मामलों में तो भूमि की नपती किए बगैर ही, दोनों पक्षों पर थानों से निरोधात्मक कार्रवाई कर निस्तारण कर दिया गया था। इस पर सीएम योगी ने सवाल खड़े किए। अधिकतर मामले जमीन विवाद में हिस्सा और घरेलू हिंसा के भी आए। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से लोगों ने इलाज के लिए भी सीएम योगी से गुहार लगाई, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे प्रार्थना पत्रों का इस्टीमेट बनवा कर सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का इलाज पैसे के अभाव में नहीं रुकना चाहिए।
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