विवाहितों का लि‍व-इन रि‍लेशन में रहना गैर कानूनी एवं सामाजिक अपराध
विवाहितों का लि‍व-इन रि‍लेशन में रहना गैर कानूनी एवं सामाजिक अपराध
Share:

इलाहाबाद : जो लोग शादी शुदा होकर लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, उन्हें सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि इलाहाबाद है कोर्ट ने विवाहितों के लिव इन रिलेशनशिप को न केवल गैर क़ानूनी माना है, बल्कि सामाजिक अपराध भी कहा है, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला एक महिला कुसुम की याचिका को खारिज करते हुए दिया जो विवाहित होकर भी अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी.इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्‍टि‍स सुनीत कुमार ने यह फैसला 9 नवम्बर को सुनाया.

बता दें कि याचिकाकर्ता मिर्जापुर की कुसुम ने कोर्ट से गुहार लगाईं कि उसकी शादी 30 मई 2016 को उसकी मर्जी के खिलाफ संजय कुमार के साथ हुई, लेकिन वह पति‍ के साथ नहीं रहती. पिछले 5 साल से अपने प्रेमी के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह रही है, लेकिन परिवार वाले उसे परेशान कर रहे हैं, उन्हें रोका जाए.इस पर कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी को ही संबंध बनाने की कानूनी मान्यता है.यदि कोई दूसरा पुरुष किसी की पत्नी के साथ संबंध बनाता है तो यह अपराध है.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के एक मामले इंद्रा शर्मा बनाम वी.के.वी. शर्मा का उद्धरण भी दिया गया जिसमें स्पष्ट किया है कि शादीशुदा स्त्री अपने पति से अलग किसी पुरूष से संबंध नहीं बना सकती.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सिर्फ सिंगल यानी कुंआरे, तलाकशुदा, वि‍धवा या वि‍धुर ही कि‍सी के साथ लि‍व-इन-रि‍लेशनशि‍प में रह सकते हैं.ऐसा सम्बन्ध किसी भी समय खत्म हो सकता है. इसलि‍ए ऐसे संबंध को नैतिक नहीं कहा जा सकता.इसी आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादीशुदा स्त्री को लिव-इन-रिलेशन में रहते हुए सुरक्षा पाने का हकदार नहीं माना और याचिका खारिज कर दी.

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, माँ -बाप के घर पर बेटे का क़ानूनी हक़ नहीं

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले चले राष्ट्रगान

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -