नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के आरोपित और JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना जवाब दायर किया है। कोर्ट में पुलिस ने कहा कि जमानत मिलने पर शरजील इमाम, गवाहों को धमकी देकर उन्हें प्रभावित कर सकता है और दंगे जैसी गतिविधियों में दोबारा शामिल हो सकता है।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने और लोगों को भड़काने के मामले में दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया था। पुलिस ने यह भी कहा कि उसने अपने भाषणों के माध्यम से असम में नरसंहार का झूठा अफवाह फैलाने का भी प्रयास किया। उसने अपने भाषणों के माध्यम से असम के एक विशेष धार्मिक समुदाय को मध्य भारत से काटने के लिए भड़काया था। भाषण में कही गई बातें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124ए/153ए के तहत आती हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपित की फोन की लोकेशन (CDR) 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और 15 दिसंबर को शाहीन बाग में थी।
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि शरजील ने अपने भाषणों के जरिए इन दोनों कानूनों को लेकर एक समुदाय विशेष के लोगों में दहशत पैदा कर उन्हें सरकार के खिलाफ भड़काने का काम किया है। जबकि यह कानून असम छोड़कर देश के शेष हिस्सों में लागू होना अभी बाकी है। बता दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने दिल्ली दंगों से संबंधित मुख्य आरोपित शरजील इमाम के खिलाफ 24 जनवरी 2022 को देशद्रोह, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा (UAPA) सहित कई अन्य धाराएँ लगाने का आदेश दिया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (यूपी) और जामिया इलाके (दिल्ली) में एंटी-CAA प्रदर्शन के दौरान शरजील द्वारा दिए गए जहरीले भाषणों को लेकर ये धाराएँ लगाई जाएँगी।
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