जब टीम इंडिया (Team India) कठिन दौर से गुजर रही थी, तो ऐसे में बतौर खिलाड़ी सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने टीम की कमान संभाली व टीम इंडिया को फिर से खड़ा किया, सिर्फ खड़ा ही नहीं किया, बल्कि कठिन दशा से बाहर निकालने के कुछ ही समय बाद वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा दिया. बतौर खिलाड़ी सौरव गांगुली पास रहे. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल पर विपत्ति आई तो गांगुली ने अध्यक्ष बनकर संभाला व अब सारे क्रिकेट जगत पर कोरोना का संकट आ गया है. कोरोना काल (Coronaviurs) ने क्रिकेट को लगभग बर्बाद कर दिया है. अधिकांश बोर्ड कंगाली की कगार पर पहुंच चुके हैं. क्रिकेट के मैदान कब गुलजार होंगे, किसी को नहीं पता. सब कुछ ठीक होने पर कैसे क्रिकेट की वापसी करवाई जा सकती है व इतने नुकसान की कैसे भरपाई की जा सकती है. इसके लिए संसार का हर बोर्ड हिंदुस्तान की तरफ देख रहा है कि यहां का कोई शख्स ही अब क्रिकेट को बचा सकता है व क्रिकेट को बचाने के मुद्दे में सौरव गांगुली से ज्यादा परखा हुआ नाम कोई नहीं है.
आईसीसी के जल्द होंगे चुनाव: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है व इसी के साथ वर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है. कुछ दिन पहले आईसीसी के सदस्य बोर्ड के 2/3 बहुमत से यह साफ हो गया है कि शशांक मनोहर (Shashank Manohar) का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा जाएगा व जल्द से जल्द चुनाव करवाएंगे जाएंगे. आईसीसी चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
हर किसी को बीसीसीआई से उम्मीद: दुनिया भर में क्रिकेट के लिए यह कठिन समय है. सभी जानते हैं कि खेल इस समय कई तरह से प्रयत्न कर रहा है. वित्तीय रूप से भी निर्बल पड़ गया है. अगर क्रिकेट जल्दी प्रारम्भ नहीं होता है तो कई बोर्ड कंगाली की कगार पर आ जाएंगे व इसे ध्यान में रखकर आईसीसी नए प्रशासकों के खाके पर कार्य करने की तैयारी कर रही है. इस समय क्रिकेट जिस दौर से गुजर रहा है, ऐसे में हर बोर्ड की नजर बीसीसीआई पर ही है कि वो कठिन समस्या से बाहर निकाल सकता है. ऐसे में हर कोई तटस्थ अध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई की तरफ देख रहा हैं.
जुलाई में खत्म हो रहा है गांगुली का कार्यकाल: गांगुली को आईसीसी चेयरमैन पद का इसीलिए भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है, क्योंकि बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर उनका कार्यकाल इसी वर्ष जुलाई में खत्म हो रहा है व फिर उन्हें तीन वर्ष के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा. जुलाई में ही शशांक आईसीसी चेयरमैन का पद छोड़ेंगे व उसी समय आईसीसी के चुनाव होंगे. गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड में 5 वर्ष 3 महीने तक पद पर रहे थे. हालांकि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में बोला गया कि बीसीसीआई ने पिछले वर्ष 1 दिसंबर को हुई एजीएम में कूलिंग ऑफ पीरियड में जाने के नियम में संशोधन कर अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाने की स्वीकृति दे दी थी. बोर्ड के संशोधन के मुताबिक गांगुली पर कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाने का नियम उस समय लागू होगा, जब उन्हें बीसीसीआई में लगातार छह वर्ष हो जाए. अगर बीसीसीआई की याचिका खारिज होती है तो गांगुली इस पद के मजबूत दावेदार होंगे.
आईसीसी के भारतीय चेयरमैन: 2016 से पहले तक आईसीसी का अध्यक्ष भी होता था, मगर 2016 में इस पद को खत्म कर दिया व तब से चेयरमैन व सीईओ ही कार्य संभालते हैं. आईसीसी में चेयरमैन के पद को 2014 में स्थापित किया गया था. 2014 में नारायणस्वामी श्रीनिवासन बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष आईसीसी के पहले चेयरमैन बने थे. वह 1 वर्ष 149 दिन इस पद पर रहे. इसके बाद 2015 में शशांक मनोहर ने यह पद संभाला व वह अभी तक इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, मगर अब उसकी कुर्सी हिलने लगी है.
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