चीन ने किसी भी तरह अपने देश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित कर लिया है. लेकिन दुनिया के दूरे देशों में वायरस का प्रसार थमने का नाम नहीं ले रहा है. वही, कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक दिन रात वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. इन सब के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के तहत आने वाले नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वॉइन्स के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जड़ी-बूटी में ऐसे कंपाउंड पाए गए हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण पर तेजी से असर कर सकते हैं. ICAR ने शुक्रवार को इस रिसर्च पर फॉर्मल नोट भी जारी किया है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हर्बल पौधों से कोरोना के इलाज का रास्ता निकाला जा सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वॉइन्स के डायरेक्टर जनरल (एनिमल साइंस) बीएन त्रिपाठी ने बताया कि हमने अपनी रिसर्च में पाया है कि कुछ पौधे वायरस पर अच्छे नतीजे दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय मैं बस यही कहना चाहूंगा कि हर्बल प्लांट्स फिलहाल देश में कई आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में इस्तेमाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर ये पौधे कोरोना वायरस को खत्म करने का काम करें तो ये देश ही नहीं दुनिया के लिए भी राहत की खबर होगी.
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माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के समय आपात स्थिति को देखते हुए ICAR-NRCE हिसार के वैज्ञानिकों ने मिलकर कुछ नए तरह के रिसर्च किए. उन्होंने ये रिसर्च उन नेचुरल सामानों पर किए जिसका इस्तेमाल आम इंसान करता है. इसके बाद वैज्ञानिकों ने चिकन कोरोना वायरस के संक्रमण के मॉडल का स्टडी में इस्तेमाल किया ताकि पौधों के एंटीवायरल इफेक्ट को जांचा जा सके. बता दें कि 1930 में पहली बार चिकन कोरोना वायरस के बारे में पता चला था.
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