गुवाहाटी में बीते दिनों आयोजित हुई एआईबीए यूथ विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय खिलाड़ी अंकुशिता बोरो ने स्वर्ण पदक जीता है. बोरो मध्य असम के सोनितपुर शहर के मेघाई जारानी गांव की रहने वाली है, वह इस चैम्पियनशिप में लाइट वेल्टरवेट 64 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर काफी चर्चा में है, सबसे खास बात यह है कि 17 साल की इस खिलाड़ी ने कुछ साल पहले मुक्केबाजी करना छोड़ दिया था, जिसके बाद उन्होंने दोबारा रिंग में वापसी करते हुए इतिहास रच दिया.
उल्लेखनीय है कि अंकुशिता बोरो के स्वर्ण पदक जीतने पर शुक्रवार को केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने उन्हें 6.7 लाख रुपए का पुरस्कार दिया है और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने भी उन्हें दो लाख रुपए का पुरस्कार दिया है. अंकुशिता ने अपने बारे में बताया कि ''जब मैंने 2012 में खेलना शुरू किया था, तब मैं सौभाग्यशाली थी की मुझे हर तरह की सुविधाएं मिलीं जिनमें त्रिदिब सर जैसे शानदार कोच भी मिले, लेकिन हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते चले गए. घर और केंद्र दोनों जगह प्रशासनिक कार्यप्रणाली में विवाद हुए, उस दौरान मेरी परीक्षा भी थी, मैंने तकरीबन छह महीनों के लिए अपने दस्तानों को हाथ नहीं लगाया, लेकिन मेरे परिवार को शुक्रिया, जिन्होंने मुझे प्रेरित किया और मुझे आत्मविश्वास दिलाया.''
बता दे कि इस चैम्पियनशिप में 64 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अब अंकुशिता अपने पुराने भारवर्ग 60 किलोग्राम में वापसी करना चाहती हैं. अगले साल होने वाली विश्व इलिट महिला चैम्पियनशिप और टोक्यो ओलम्पिक-2020 में वह भाग लेगी.
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