कड़कड़ाती ठण्ड में कोरिया जिले के सोनहत गांव में एक बारहसिंघा रिहायशी इलाके में आ गया लेकिन उसकी यह भूल उसे किस हद तक भारी पड़ेगी उसने कभी सोचा भी नहीं होगा. इंसान जानवर से ज्यादा बुरा हो सकता है इसका उसे अंदाज़ा नहीं रहा होगा और वह शायद ठण्ड से बचने के लिए रिहायशी इलाके में जा पंहुचा.
वन परिक्षेत्र देवगढ़ से भटककर धनपुर गांव पहुंचे बारहसिंघा को जब ग्रामीणों ने देखा तो वे उसके पीछे पड़ गए और बारहसिंघा को यहाँ-वहाँ दौड़ाने लगे. अपनी जान बचाकर भाग रहे बारहसिंघा को जब कोई उपाय नहीं सूझा तब 'मरता क्या ना करता', वह इतनी कड़कड़ाती ठंड में बर्फ से भी ठन्डे पानी से भरे तालाब में कूद गया. लगभग 6 घंटे तक वह तालाब में ही पड़ा रहा. तालाब में कूदने के कारण उसे चोट भी आ गयी थी.
इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी तब तेर रात वन विभाग का एक दस्ता वहाँ पंहुचा और घायल बारहसिंघा को तालाब से बाहर निकला और उसे उपचार के लिए सोनहत के नर्सरी ले जाया गया. अभी बारहसिंघा को नर्सरी में ही रख कर उसका इलाज़ किया जाएगा और जब वह पूर्ण रूप से ठीक हो जायेगा तब उसे गुरुघासीदास नेशनल पार्क छोड़ दिया जायेगा.
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