नई दिल्ली: एनआईटी श्रीनगर को लेकर चल रहे विवाद के बीच मानव संसाधन मंत्रालय ने संस्थान को किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित किए जाने की छात्रों की मांग को खारिज कर दिया है, लेकिन मंत्रालय ने उऩसे जुड़े वास्तविक मुद्दों पर विचार करने के आश्वासन दिए है।
संस्थान में गैर कश्मीरी छात्रों के साथ हुए मारपीट को लेकर चिंतित हुए वहां पढ़ने वाले 400 राजस्थानी छात्रों के परजनों ने दिल्ली कूच कर लिया। एनआईटी के बाहर के छात्रों के एक दल ने उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह, शिक्षा मंत्री नईम अख्तर व एचआरडी मिनिस्टरी के अधिकारियों से कल रात मुलाकात की।
सूत्रों से प्राप्त जानाकारी के अनुसार, एनआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स 11 अफऐल को बैठक कर संस्थान से जुड़े मुद्दों पर विचार करेंगे। मंत्रियों ने छात्रों से कहा कि एनआईटी में सुरक्षा कभी भी एक मुद्दा नहीं रहा है लेकिन राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि इस मोर्चे की चिंताओं पर भी विचार किया जाए।
सूत्रों ने कहा, मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान के छात्र यहां तब आए जब आतंकवाद चरम था और कभी भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। एनआईटी श्रीनगर के कुलसचिव फयाज अहमद मीर ने कहा कि हालात शांत है, लेकिन बाहरी छात्र अब भी प्रदर्शन में लगे हुए है।
श्रीनगर के एनआईटी में अध्ययनरत एक छात्र के पिता महेश चंद शर्मा ने कहा कि राजस्थान के करीब चार सौ विद्यार्थी श्रीनगर के एनआईटी में अध्ययन कर रहे हैं लेकिन सभी विद्यार्थियों के परिजन पिछले दिनों की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं जिनमें गैर कश्मीरी विद्यार्थियों को कथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है उन्हें धमकियां दी जा रहीं हैं।