'दलित मंत्री को अयोग्य कैसे कहा..', DMK सांसद टीआर बालू की टिप्पणी पर लोकसभा में हुआ हंगामा, भाजपा बोली- माफ़ी मांगो
'दलित मंत्री को अयोग्य कैसे कहा..', DMK सांसद टीआर बालू की टिप्पणी पर लोकसभा में हुआ हंगामा, भाजपा बोली- माफ़ी मांगो
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नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान तीखी नोकझोंक देखी गई, क्योंकि धन वितरण में तमिलनाडु के साथ कथित भेदभाव पर चर्चा केंद्र में रही। यह मुद्दा तब उठा जब DMK सांसद टीआर बालू ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु को धन देने में पक्षपात करने का आरोप लगाया। बालू ने केंद्र सरकार पर राज्य को पर्याप्त समर्थन देने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, चक्रवात मिचौंग के समय केंद्र ने तमिलनाडु को पर्याप्त धन नहीं दिया था। 

इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दृढ़ता से कहा कि धन के वितरण में कोई भेदभाव नहीं है। राय ने कुछ लोगों पर "अशुद्ध एजेंडे" के साथ विभाजनकारी राजनीति खेलने का आरोप लगाया। जब बालू ने चक्रवात से पहले पर्याप्त चेतावनी देने में विफलता के लिए केंद्र की आलोचना की, तो राज्य मंत्री एल मुरुगन ने उन्हें रोकने की कोशिश की। जवाब में, बालू ने मुरुगन पर हमला करते हुए कहा कि, "हस्तक्षेप मत करो। आप सांसद बनने के लिए अयोग्य हैं... आप मंत्री बनने के लिए अयोग्य हैं! बैठ जाओ!"

यह टिप्पणी कानून और न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल को पसंद नहीं आई, उन्होंने बालू से माफी की मांग की। मेघवाल ने कहा कि, "आप हमारे मंत्री को 'अयोग्य' नहीं कह सकते। अपने शब्द वापस लें...उन्हें रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए।" संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी बालू को फटकार लगाते हुए कहा कि, "आप उन्हें अयोग्य कैसे कह सकते हैं? DMK सरकार अयोग्य है। आपने एक दलित मंत्री को अयोग्य कहा, आप पूरे दलित समुदाय का अपमान कर रहे हैं।" 

दोनों पक्षों के सदस्यों द्वारा अपनी-अपनी आवाज उठाने से सत्र अराजकता की स्थिति में आ गया, जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ। चैंबर में "टीआर बालू माफी मांगें" की आवाज़ें गूंज उठीं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा कर्नाटक का मामला उठाने के बाद सोमवार को लोकसभा में भी केंद्रीय धन के आवंटन पर वाकयुद्ध छिड़ गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए धनराशि रोक रहा है, जिस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।

प्रश्नकाल के दौरान सीतारमण ने कहा कि, ''यह आशंका कि कुछ राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, एक राजनीतिक रूप से विकृत कथा है, जिसे कहते हुए मुझे खेद है, निहित स्वार्थी लोग इसे कहने में खुश हैं।'' उन्होंने कहा कि कोई भी केंद्रीय वित्त मंत्री वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि, "यह कोई संभावना नहीं है कि कोई वित्त मंत्री यह कह दे कि 'मुझे यह राज्य पसंद नहीं है, भुगतान रोक दो।' सीतारमण ने जोर देकर कहा कि, हर राज्य के साथ एक समान व्यव्हार किया जाता है और ये सब रिकॉर्ड पर मौजूद है। 

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