समलैंगिकता एक साइकोलॉजिकल बीमारी हैः दत्तात्रेय होसबोले
समलैंगिकता एक साइकोलॉजिकल बीमारी हैः दत्तात्रेय होसबोले
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नई दिल्ली : राजनीति में पहले विवादित बयान और फिर उस पर सफाई देने का रिवाज पुराना है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने अपने समलैंगिकता वाले बयान पर सफाई दी है। उन्होने कहा है कि यह कोई अपराध नहीं है। इस पर शुक्रवार की सुबह ट्वीट करते हुए होसबोले ने कहा कि यह गलत काम है और यह साइकोलॉजिकल केस है।

ट्वीट मे उन्होने स्पष्ट किया कि होमोसेक्सुएलिटी कोई अपराध नहीं है, लेकिन हमारे समाज में यह एक गलत काम है। इस मामले में सजा देने की जरुरत नहीं है, लेकिन इसे साइकेट्रिस्ट के जरिए इलाज करके ठीक किया जा सकता है।

आगे उन्होने कहा कि होमोसेक्सुएलिटी गे मैरिज को बढ़ावा दे रही है। इसे रोकने की आवश्यकता है। बता दें कि इससे पहले भी होसबोले ने कहा था कि सैमलैंगिकता लोगों का निजी मसला है। इसलिए संघ को इस मामले में चर्चा की आवश्यकता नहीं है। धारा 377 के तहत होमोसेक्सुएलिटी को अपराध माना जाता है।

इसके लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान होसबोले ने कहा कि इससे दूसरों के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। भारत माता की जय के मुद्दे पर उन्होने कहा कि पता नहीं क्यों लोगों को हिंदुत्व शब्द से परेशानी है। कोई भारत माता की जय न बोलना चाहे तो ठीक है लेकिन कोई इसका विरोध करे तो गलत है।

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