मुंबई: काम करने में विश्वास रखता हूँ सम्मान पाने या मिलने में नहीं.. ये कहना है नोबेल शांति पुरस्कार ठुकराने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी का। जी हाँ हम आपको बता दे की ट्विटर पर सुर्खियों में घिरे श्री श्री रविशंकर ने कहा की उन्हें जो नोबेल शांति पुरस्कार मिला था उन्होंने वो ठुकरा दिया है और उनका कहना है की मुझे काम करने में विश्वास है, सम्मान लेने में नहीं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि " मैं मलाला यूसुफजई को भी यह सम्मान दिए जाने के पूरी तरह से खिलाफ हूं और यह किसी काम का नहीं।"
काम में विश्वास, सम्मान लेने में नहीं
मीडिया ने अध्यात्मिक गुरु के दिए बयान के अनुसार बताया कि रविशंकर जी कहना है कि पहले भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैंने उसे खारिज कर दिया, क्योंकि मैं सिर्फ काम करने में विश्वास रखता हूं, और उन कार्य के लिए कोई सम्मान में नहीं। यह पुरूस्कार उनको मिले जो इसके काबिल हो।
यह वयान उन्होंने लातूर शहर के दौरे के बाद सप्ताह के अंत में दिया। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन लातूर में किसानो की मदद के लिए सिचाई परियोजना पर कार्य कर रहा है।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान भी रविशंकर महाराज सुर्खियों में छाये रहे थे। यह आयोजन यमुना नदी के किनारे हुआ था और कई पर्यावरणविदों ने यमुना की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने का आरोप रविशंकर पर मढ़ा था।
इस्लामिक स्टेट को भेजा था समझौते का प्रस्ताव
हम आपको बता दें कि श्री श्री रविशंकर ने पिछले महीने IS आतंकी संगठन को समझौते का प्रस्ताव भेज था और वार्ता शुरू करने कि कोशिश की थी, लेकिन IS ने ये प्रस्ताव ठुकरा दिया था।