चंडीगढ़ : अब नीलगाय को मारना अपराध की श्रेणी में नहीं होगा। दरअसल अरावली के वन क्षेत्र से खेतों में आने वाली नीलगायों को लेकर किसानों ने शिकायत की थी कि नीलगाय के खेतों में आ जाने से उनकी फसलों को नुकसान होता है। खेतों में लगी फसलों को नील गायें खा लेती हैं। जिसे लेकर हरियाणा की सरकार ने किसानों को अनुमति दी है कि नीलगाय कोई गाय नहीं है वह हिरण प्राजाति की है। ऐसे में उसे मारने में किसी तरह की परेशानी नहीं है।
इसके बाद किसानों को नीलगायों को मारने की अनुमति मिल गई है लेकिन किसानों की परेशानी यहां पर ही हल नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में पहले पहल गाय को मारने पर प्रतिबंध लगाया गया था। ऐसे में सरकार के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। वनमंत्री राव नरबीर सिंह द्वारा कहा गया कि वह नीलगाय का नाम बदलकर रोज करने का विचार कर रही है।
उनका कहना था कि नीलगाय का नाम बदलने के बाद लोगों यह लग सकता है कि गाय को नहीं मारा गया है बल्कि हिरण को मारा गया है। हालांकि सरकार की इस प्रजाति को कीड़े के दर्जे में रखने की योजना है। जिसे मारना अपराध नहीं माना जाएगा।