आप सभी को बता दें कि हर साल आने वाला गुरु पूर्णिमा का पर्व इस साल भी आने वाला है. ऐसे में इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 5 जुलाई 2020 को मनाया जाने वाला है और आपको अगर याद हो तो बीते साल भी गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक ही दिन थे. ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का पूजन कर उनकी आरती की जाती है. जी हाँ, गुरु पूर्णिमा आरती से गुरु को खुश किया जा सकता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे है गुरु पूर्णिमा आरती.
गुरु पूर्णिमा आरती -
प्यारे गुरुवर की आरती
जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी,
पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं.
आरती करूं गुरुवर की..
जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए,
शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की.
आरती करूं गुरुवर की..
ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक.
जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की.
आरती करूं गुरुवर की.
अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला,
कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की.
आरती करूं गुरुवर की..
संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया,
अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की.
आरती करूं गुरुवर की..
भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया,
धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की.
आरती करूं गुरुवर की..
करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण,
जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की.
आरती करूं गुरुवर की..
आरती करूं सद्गुरु की
प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर की.
गुरु पुर्णिमा की शुभकामनाएं : जब बंद हो जाए सब रास्ते, नया रास्ता दिखाते हैं गुरू
इन दोहों का उच्चारण करके उत्साह से मना सकते है गुरु पूर्णिमा
गुरुपूर्णिमा पर भक्त नहीं कर पाएंगे श्री धूनीवाले दादाजी के दर्शन