ईमेल के माध्यम से भेजा गया जीएसटी नोटिस को हाई कोर्ट ने किया अस्वीकार
ईमेल के माध्यम से भेजा गया जीएसटी नोटिस को हाई कोर्ट ने किया अस्वीकार
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एक रिट याचिका के एक आदेश के जवाब में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने कहा है कि ईमेल के माध्यम से भेजे गए माल और सेवा कर (जीएसटी) नोटिस मान्य नहीं है। अदालत ने कहा कि इसे केवल तभी वैध माना जाएगा जब इसे निर्धारिती को परोसा जाए और वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

पूर्व कर प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और चार्टर्ड अकाउंटेंट विक्रम गुप्ते ने कहा कि उच्च न्यायालय का विचार है कि करदाताओं को आदेश और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया जीएसटी अधिनियम के तहत अच्छी तरह से परिभाषित है।

गुप्ते के अनुसार पंजीकरण से लेकर रद्दीकरण रिटर्न दाखिल करने तक की प्रक्रिया जीएसटी पोर्टल के माध्यम से की जाती है। जीएसटी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। गुप्ते के अनुसार, उच्च न्यायालय के आदेश से प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

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