नई दिल्ली : अगस्ता वेस्टलैंड डील की आंच से अब टाटा संस को भी दो चार होना पड़ रहा है। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में फंसी इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के भारत में टाटा संस के साथ ज्वाइंट वेंचर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने अपना फैसला फिलहाल टाल दिया है।
अगस्ता वेस्टलैंट और टाटा संस का ज्वाइंट वेंचर रोटोक्राफ्ट है। हांला कि एफआईपीबी ने दोनों कंपनियों के बीच एफडीआई के निवेश को टालने के पीछे कोई कारण नहीं बताया। एफआईपीबी की बैठक 8 अप्रैल को हुई थी। यह मीटिंग चॉपर डील में मिलान की अदालत का फैसला आने के ठीक एक दिन बाद हुआ था।
इस फैसले से पहले टाटा ने खुद कहा था कि इंडियन रोटोक्राफ्ट का अगस्ता से कोई लेना-देना नहीं है। अगस्ता पर आरोप है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी चॉपर डील के लिए भारत के कई अधिकारियों व नेताओं को रिश्वत दी थी।
अगस्ता वेस्टलैंड और टाटा संस का जॉइंट वेंचर AW119Kx हेलीकॉप्टर के लिए असेंबल यूनिट स्थापित करने के लिए बनाया गया है। अगस्टा ने वेंचर में एफडीआई को 17.6 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 19.64 करोड़ रुपये करने की मांग की थी।